भारत के बड़े शहर पिछड़े, छोटे शहरों ने दिखाई स्वच्छता की मिसाल, स्वच्छ भारत मिशन की रिपोर्ट में चौंकाने वाले खुलासे

Edited By Updated: 07 Nov, 2025 11:54 AM

ig cities of india are backward small cities have shown an example of cleanline

भारत में शहरी स्वच्छता को लेकर आई स्वच्छ भारत मिशन 2025 की नवीनतम रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के मामले में छोटे शहरों ने बड़े महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। वहीं, बड़े शहरों की...

नेशनल डेस्क: भारत में शहरी स्वच्छता को लेकर आई स्वच्छ भारत मिशन 2025 की नवीनतम रिपोर्ट ने कई चौंकाने वाले तथ्य उजागर किए हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस बार स्वच्छता और कचरा प्रबंधन के मामले में छोटे शहरों ने बड़े महानगरों को पीछे छोड़ दिया है। वहीं, बड़े शहरों की रैंकिंग गिरकर सबसे गंदे शहरों की सूची में आ गई है।

सबसे गंदे शहरों की सूची में कौन हैं आगे?
रिपोर्ट में 2025 के लिए देश के शीर्ष 10 सबसे गंदे शहरों की सूची जारी की गई है, जिसमें मदुरै सबसे गंदे शहर के रूप में पहले स्थान पर है। उसके बाद लुधियाना, चेन्नई, रांची और बेंगलुरु का नाम शामिल है। वहीं, हैरानी की बात यह है कि दिल्ली, ग्रेटर मुंबई और श्रीनगर जैसे बड़े महानगर भी इस सूची के निचले हिस्से में हैं, जो यह दर्शाता है कि बढ़ते शहरीकरण और जनसंख्या के बीच स्वच्छता बनाए रखना इन शहरों के लिए चुनौती बन गया है।

छोटे शहरों ने किया बेहतर प्रदर्शन
रिपोर्ट में कहा गया है कि सीमित संसाधनों के बावजूद, कई छोटे शहरों ने अपने कचरा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था में उल्लेखनीय सुधार किया है। इन शहरों में नियमित कचरा पृथक्करण, सार्वजनिक भागीदारी और स्थानीय प्रशासन की सक्रिय भूमिका ने बड़ा फर्क डाला है। बड़े शहरों को जनसंख्या के दबाव, अव्यवस्थित शहरीकरण, कमजोर अपशिष्ट प्रबंधन व्यवस्था और नागरिकों के अनुशासन की कमी के चलते बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।

रिपोर्ट में क्या कहा गया?
स्वच्छ भारत मिशन की वार्षिक रिपोर्ट में बताया गया है कि शहर की सफाई केवल वित्तीय संसाधनों पर निर्भर नहीं करती, बल्कि इसके लिए ठोस योजना, प्रशासनिक क्षमता और नागरिक जागरूकता भी आवश्यक है। कई महानगरों में सफाई अभियान तो चलाए जा रहे हैं, लेकिन उनके प्रभाव स्थायी नहीं हैं क्योंकि उनमें जनभागीदारी और निगरानी की कमी पाई जाती है।

विशेषज्ञों का क्या कहना है?
शहरी विकास विशेषज्ञों का मानना है कि स्वच्छता में सुधार के लिए केवल सरकारी योजनाएं पर्याप्त नहीं हैं। जब तक लोग खुद जिम्मेदारी नहीं निभाएंगे, तब तक परिणाम स्थायी नहीं होंगे। विशेषज्ञों के अनुसार, छोटे शहरों ने यह साबित किया है कि कम संसाधनों में भी बेहतर प्रबंधन और नागरिक सहयोग से बड़ी उपलब्धियां हासिल की जा सकती हैं।

 

Related Story

IPL
Royal Challengers Bengaluru

190/9

20.0

Punjab Kings

184/7

20.0

Royal Challengers Bengaluru win by 6 runs

RR 9.50
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!