भारत एक साथ 3 दुश्मनों से लड़ रहा जंग! SCO समिट में चीन से भी ली सीधी टक्कर, ‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना वजह

Edited By Updated: 02 Aug, 2025 04:36 PM

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भारत ने एक साथ तीन दुश्मनों  पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान  के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, चीन के तियानजिन में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में...

International Desk: भारत ने एक साथ तीन दुश्मनों  पाकिस्तान, तुर्की और अजरबैजान  के खिलाफ कड़ा मोर्चा खोल दिया है। दरअसल, चीन के तियानजिन में होने जा रहे शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन में भारत ने तुर्की और अजरबैजान की मौजूदगी पर खुलकर आपत्ति जताई है। भारत का कहना है कि ये दोनों देश ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के दौरान पाकिस्तान के खुलकर साथ खड़े थे और अब SCO में इनकी मौजूदगी भारत के लिए अस्वीकार्य है। खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, ऑपरेशन सिंदूर के दौरान पाकिस्तान को ड्रोन और रक्षा उपकरण मुहैया कराने में तुर्की ने बड़ी भूमिका निभाई थी। वहीं, अजरबैजान ने पाकिस्तान को राजनीतिक समर्थन देकर भारत के खिलाफ माहौल बनाने में मदद की थी। यही वजह है कि भारत ने SCO समिट से पहले चीन को साफ संदेश दिया कि उसे इन दो देशों की मौजूदगी पर कड़ी आपत्ति है।

 

SCO समिट में भारत ने दिखाई सख्ती 
सूत्रों के मुताबिक, भारत ने चीन को साफ कर दिया है कि SCO के फैसले आम सहमति से होते हैं और अगर भारत ने विरोध किया तो तुर्की और अजरबैजान की भागीदारी पर सवाल खड़े हो सकते हैं। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने पिछले महीने SCO विदेश मंत्रियों की बैठक में भी पाकिस्तान द्वारा प्रायोजित आतंकवाद का मुद्दा उठाया था और कहा था कि SCO का मकसद ही आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद के खिलाफ साझा लड़ाई है।

 

‘ऑपरेशन सिंदूर’ बना कूटनीतिक हथियार 
गौरतलब है कि ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई ड्रोन मार गिराए थे, जिनकी जांच में पता चला कि ये तुर्की से आए थे। इस खुलासे के बाद भारत में तुर्की और अजरबैजान के सामानों के बहिष्कार की भी आवाज उठी। कई जगह इन देशों के खिलाफ प्रदर्शन हुए और व्यापार रोकने की मांग तेज हुई।

 

तुर्की-अजरबैजान ने पाकिस्तान को दी खुली मदद 
तुर्की ने पाकिस्तान को ड्रोन टेक्नोलॉजी से लेकर रक्षा उपकरण तक दिए, जबकि अजरबैजान ने पाकिस्तान को कूटनीतिक तौर पर समर्थन देकर आर्मेनिया के साथ विवादों में भी मदद पहुंचाई। पाकिस्तान ने बदले में अजरबैजान को कई सुरक्षा सलाहकार सेवाएं और रणनीतिक मदद दी।

 

भारत-चीन रिश्तों में भी दिखा नया मोड़ 
जून 2020 की गलवान झड़प के बाद पहली बार विदेश मंत्री एस. जयशंकर चीन पहुंचे हैं और उन्होंने तियानजिन में SCO की बैठक में 22 अप्रैल को पहलगाम में हुए आतंकी हमले का मुद्दा भी उठाया, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। जयशंकर ने साफ कहा कि SCO आतंकवाद के खिलाफ ही बना है और इसे किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

 

भारत की दो टूक 
जयशंकर ने कहा कि SCO को अपने मूल उद्देश्य यानी आतंकवाद, अलगाववाद और उग्रवाद से लड़ाई पर ही टिके रहना चाहिए। भारत ने साफ किया कि वह आतंकवाद के खिलाफ पहले भी खड़ा था, आज भी है और आगे भी रहेगा। SCO सदस्यों को इस लड़ाई में भारत के साथ खड़ा होना चाहिए।
 

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