Edited By Mehak,Updated: 13 Sep, 2025 01:14 PM

अमेरिकी राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बीच, रूस के उप-प्रधानमंत्री Dmitry Patrushev इस महीने नई दिल्ली आ सकते हैं। पात्रुशेव कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत से झींगे के आयात और उर्वरक आपूर्ति...
नेशनल डेस्क : अमेरिकी राष्ट्रपती डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए भारी टैरिफ के बीच, रूस के उप-प्रधानमंत्री Dmitry Patrushev इस महीने नई दिल्ली आ सकते हैं। पात्रुशेव कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञ हैं और उनकी यात्रा का मुख्य उद्देश्य भारत से झींगे के आयात और उर्वरक आपूर्ति बढ़ाने पर बातचीत करना होगा।
झींगा व्यापार पर असर
भारत, अमेरिका को झींगे का सबसे बड़ा आपूर्तिकर्ता है। हर साल अरबों डॉलर का झींगा अमेरिका को निर्यात किया जाता है। लेकिन अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए गए 50% टैरिफ से इस व्यापार पर गहरा असर पड़ा है। अब भारतीय झींगा निर्यातकों को अमेरिकी बाजार में इक्वाडोर, इंडोनेशिया, वियतनाम और चीन जैसे देशों से कड़ी प्रतिस्पर्धा झेलनी पड़ रही है। ऐसे में रूस भारत के लिए एक नया और आकर्षक बाजार बन सकता है।
पात्रुशेव का एजेंडा
नई दिल्ली यात्रा के दौरान दिमित्री पात्रुशेव भारतीय मंत्रियों से मुलाकात कर सकते हैं। इस दौरान दोनों देश द्विपक्षीय व्यापार को मजबूत करने पर जोर देंगे। रूस चाहता है कि वह भारत से अधिक मात्रा में झींगे खरीदे और साथ ही उर्वरक की आपूर्ति को भी बढ़ाए।
अमेरिका का दबाव
ट्रंप प्रशासन ने भारत पर कई शुल्क लगाए हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारतीय झींगा आयात पर कुल टैरिफ दर 58% से भी ज्यादा हो सकती है। इतना ही नहीं, अमेरिका ने G-7 विदेश मंत्रियों की बैठक में भारत और चीन पर अतिरिक्त टैरिफ लगाने का प्रस्ताव भी रखा है। अमेरिका लगातार यह दबाव बना रहा है कि उसके सहयोगी देश भी भारत पर शुल्क लगाएं।
भारत ने साफ किया अपना रुख
अमेरिका का आरोप है कि भारत रूस से तेल खरीदकर यूक्रेन युद्ध को परोक्ष रूप से फंडिंग कर रहा है। लेकिन भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज कर दिया है। भारत का कहना है कि उसकी नीति राष्ट्रीय हित, ऊर्जा सुरक्षा और बाजार की परिस्थितियों पर आधारित है। इसलिए तेल और अन्य आयात-निर्यात के फैसले पूरी तरह उसके स्वतंत्र निर्णय हैं।