अगरबत्ती से लेकर रसोई के धुएं तक: घर के अंदर का ‘साइलेंट पॉल्यूशन’ बन रहा है सेहत के लिए बड़ा खतरा

Edited By Updated: 31 Oct, 2025 10:20 PM

indoor  silent pollution  poses a major health threat

अक्सर लोग मानते हैं कि प्रदूषण (Pollution) केवल बाहर की हवा में होता है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि हमारे घरों की हवा भी उतनी ही जहरीली हो सकती है।

नेशनल डेस्कः अक्सर लोग मानते हैं कि प्रदूषण (Pollution) केवल बाहर की हवा में होता है, लेकिन विशेषज्ञ चेतावनी दे रहे हैं कि हमारे घरों की हवा भी उतनी ही जहरीली हो सकती है। अगरबत्ती, धूपबत्ती, रसोई का धुआं, और यहां तक कि कमरे में इस्तेमाल होने वाले परफ्यूम या फ्रेशनर, ये सभी इनडोर एयर पॉल्यूशन (Indoor Air Pollution) के बड़े स्रोत हैं। यह ‘साइलेंट किलर’ चुपचाप हमारी सेहत को नुकसान पहुंचा रहा है।

अगरबत्ती और धूपबत्ती से निकलता है जहरीला धुआं

विशेषज्ञों के अनुसार, अगरबत्ती और धूपबत्ती जलाने से निकलने वाले धुएं में वॉलेटाइल ऑर्गैनिक कंपाउंड्स (VOCs), कार्बन मोनोऑक्साइड, और PM 2.5 जैसे सूक्ष्म प्रदूषक मौजूद होते हैं। ये छोटे कण फेफड़ों में गहराई तक पहुंच जाते हैं और अस्थमा, ब्रोंकाइटिस, एलर्जी जैसी बीमारियों को जन्म देते हैं।

सीके बिड़ला अस्पताल (दिल्ली) के पल्मोनोलॉजी विभाग के डायरेक्टर डॉ. विकास मित्तल बताते हैं — “अगर घर में छोटे बच्चे, बुजुर्ग या सांस के मरीज रहते हैं, तो अगरबत्ती और धूपबत्ती का धुआं उनके लिए बेहद खतरनाक साबित हो सकता है। यह बाहर के प्रदूषण जितना ही हानिकारक है।”

किचन स्मोक भी बन सकता है ‘साइलेंट पॉल्यूशन’

विशेषज्ञों के अनुसार, रसोई से निकलने वाला धुआं भी सेहत को भारी नुकसान पहुंचा सकता है, खासकर उन घरों में जहां चिमनी या वेंटिलेशन नहीं है। तेल में तलने के दौरान जो धुआं उठता है, उसमें भी हानिकारक कार्बन पार्टिकल्स और नाइट्रोजन ऑक्साइड्स होते हैं। यह धुआं लंबे समय तक फेफड़ों में रहकर COPD (Chronic Obstructive Pulmonary Disease) जैसी गंभीर बीमारी का कारण बन सकता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, दुनिया भर में हर साल 40 लाख से ज्यादा लोग इनडोर एयर पॉल्यूशन से जुड़ी बीमारियों से मरते हैं, जिनमें महिलाएं और बच्चे सबसे ज्यादा प्रभावित होते हैं।

 घर के अंदर के अन्य प्रदूषण स्रोत

  • रूम फ्रेशनर और अगरबत्ती: इनमें मौजूद रासायनिक सुगंध VOCs छोड़ती हैं।

  • मोमबत्ती (Candle): परफ्यूम्ड मोमबत्ती में पैराफिन जलने से हानिकारक गैसें बनती हैं।

  • पुराने पेंट और फर्नीचर: इनमें मौजूद फॉर्मल्डिहाइड और अन्य रसायन धीरे-धीरे हवा में मिलते रहते हैं।

कैसे करें बचाव: आसान और असरदार उपाय

  • अगरबत्ती या धूपबत्ती का उपयोग सीमित करें, और केवल खुले या हवादार स्थान पर करें।
  • सुगंध के लिए एसेंशियल ऑयल डिफ्यूज़र या इलेक्ट्रिक फ्रेगरेंस अपनाएं।
  • खाना बनाते समय एग्जॉस्ट फैन या चिमनी ज़रूर चलाएं।
  • वेंटिलेशन बेहतर रखें — रोज़ाना खिड़कियां कुछ देर के लिए खुली रखें।
  • तेल को दोबारा गर्म करने से बचें, क्योंकि इससे टॉक्सिन्स बढ़ते हैं।
  • उबालना, स्टीमिंग या बेकिंग जैसी कुकिंग तकनीकों को प्राथमिकता दें।
  • घर में इनडोर प्लांट्स (जैसे स्नेक प्लांट, एलोवेरा, मनी प्लांट) रखें, जो हवा को शुद्ध करने में मदद करते हैं।

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