कर्नाटक भाजपा ने सत्ता में वापसी के लिहाज से अहम पुराने मैसुरु क्षेत्र में चुनावी बिसात बिछाई

Edited By Yaspal,Updated: 19 Mar, 2023 05:36 PM

karnataka bjp sets electoral board in key old mysuru region to return to power

कर्नाटक विधानसभा चुनाव को पास आता देख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पुराने मैसुरु क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए चुनावी बिसात बिछा दी है। अपने दम पर कर्नाटक की सत्ता में वापसी के लिहाज से इस क्षेत्र को अहम माना जा रहा है

नेशनल डेस्कः कर्नाटक विधानसभा चुनाव को पास आता देख भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने पुराने मैसुरु क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित करते हुए चुनावी बिसात बिछा दी है। अपने दम पर कर्नाटक की सत्ता में वापसी के लिहाज से इस क्षेत्र को अहम माना जा रहा है। भाजपा के शीर्ष नेता भी मानते हैं कि इस क्षेत्र में चुनावी आंकड़ों में सुधार करना अपने दम पर सत्ता हासिल करने के लिए अहम है। इस क्षेत्र में रामनगर, मांड्या, मैसुरु, चामराजनगर, कोडागु, कोलार, तुमकुरु और हासन जिले शामिल हैं।

बेंगलुरु-मैसुरु एक्सप्रेसवे समेत कई अन्य परियोजनाओं के उद्घाटन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मांड्या पहुंचने से एक दिन पहले अभिनय जगत से राजनीति में आईं सुमलता ने 11 मार्च को भाजपा को अपना 'पूर्ण समर्थन' देने का ऐलान किया। सुमलता ने देवेगौड़ा के पोते और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी के बेटे निखिल कुमारस्वामी को 2019 के लोकसभा चुनाव में हराया था। उद्घाटन मैसूर या बेंगलुरु में किया जा सकता था, लेकिन प्रधानमंत्री ने मांड्या को चुना। लेकिन एक राजनीतिक विश्लेषक ने कहा, ‘‘मांड्या के मतदाता शायद ही भावनात्मक मुद्दों से बहकते हैं।''

भाजपा दशकों से वोक्कालिगा समुदाय बहुल पुराने मैसूरु क्षेत्र में अपने पैर पसारने के लिए संघर्ष कर रही है, लेकिन इस क्षेत्र में जद (एस) और कांग्रेस का दबदबा है। जद(एस) नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी और कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस कमेटी (केपीसीसी) के अध्यक्ष डी के शिवकुमार इसी समुदाय से आते हैं। इन जिलों की 58 विधानसभा सीट में से जद (एस) के पास 24, कांग्रेस के पास 18 और भाजपा के पास 15 सीट है। भाजपा को निष्कासित बहुजन समाज पार्टी (बसपा) विधायक एन महेश का भी समर्थन प्राप्त है, जो चामराजनगर जिले में कोल्लेगल का प्रतिनिधित्व करते हैं।

वोक्कालिगा समुदाय के गढ़ मांड्या जिले में जद (एस) के सात में से छह विधायक हैं। जद(एस) के पास रामनगर में चार में से तीन सीट हैं और हासन की सात में से छह सीट हैं। जद(एस) के पास मैसुरु की 11 में से चार सीट है, जबकि कांग्रेस के पास चार और भाजपा के पास तीन सीट है। भाजपा चार बार कर्नाटक में सत्ता में आई और हर बार वह सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरी, लेकिन बहुमत का आंकड़ा नहीं जुटा सकी। हालांकि, भाजपा ने वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में 28 में से 25 सीट जीतकर प्रभावशाली प्रदर्शन किया।

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