Edited By Yaspal,Updated: 28 May, 2023 06:29 PM
महामारी के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई जनगणना की कवायद अप्रैल-मई 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों से पहले होने की संभावना नहीं है
नई दिल्लीः महामारी के कारण अनिश्चितकाल के लिए स्थगित की गई जनगणना की कवायद अप्रैल-मई 2024 में होने वाले अगले लोकसभा चुनावों से पहले होने की संभावना नहीं है। जब भी जनगणना कराई जायेगी तब स्मार्टफोन, इंटरनेट, लैपटॉप, कंप्यूटर, कार, दोपहिया वाहनों तक पहुंच, मुख्य खपत वाले अनाज जैसे 31 प्रश्न नागरिकों से पूछे जायेंगे।
जनगणना और राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) को अद्यतन करने की कवायद एक अप्रैल से 30 सितंबर, 2020 तक देशभर में होने वाली थी लेकिन कोविड-19 के प्रकोप के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। जनगणना का काम अभी भी रुका हुआ है और सरकार ने अभी तक एक नये कार्यक्रम की घोषणा नहीं की है। अधिकारियों ने बताया कि जनवरी में भारत के महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय ने सूचित किया कि प्रशासनिक सीमाओं को स्थिर करने की तारीख - नये जिलों या उप-जिलों का सृजन - 30 जून तक बढ़ा दी गई है।
इस बीच, चुनाव आयोग अगले आम चुनावों के लिए मतदाता सूचियों के पुनरीक्षण आदि की प्रक्रिया शुरू करेगा। अधिकारियों ने बताया कि अक्टूबर से, जनगणना कवायद आयोजित करने की बहुत कम संभावना है क्योंकि ऐसा माना जा रहा है कि निर्वाचन आयोग और महापंजीयक एवं जनगणना आयुक्त के कार्यालय द्वारा समान लोगों को ही इस काम में शामिल किया जाना है। उन्होंने संभावना जतायी कि जनगणना का काम लोकसभा चुनाव के बाद ही किया जाएगा।
महापंजीयक और जनगणना आयुक्त के कार्यालय के अनुसार, नागरिकों से पूछे जाने वाले 31 प्रश्न निर्धारित किए गए हैं। इन सवालों में शामिल है कि क्या किसी परिवार के पास टेलीफोन लाइन है, इंटरनेट कनेक्शन है, मोबाइल या स्मार्टफोन है, साइकिल है, स्कूटर है या मोटरसाइकिल है या मोपेड है, क्या उनके पास कार, जीप या वैन है।
नागरिकों से यह भी पूछा जाएगा कि वे घर में कौन सा अनाज खाते हैं, पीने के पानी और रोशनी का मुख्य स्रोत, शौचालय तक पहुंच और उसके प्रकार, नहाने की सुविधा की उपलब्धता, रसोई और एलपीजी/पीएनजी कनेक्शन की उपलब्धता, खाने पकाने के लिए इस्तेमाल होने वाला मुख्य ईंधन, रेडियो, ट्रांजिस्टर, टेलीविजन की उपलब्धता, आदि शामिल हैं।