Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 25 May, 2025 06:16 PM

इंटरनेट आज सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की ज़रूरत बन गया है. ऑनलाइन पढ़ाई, ऑफिस वर्क, स्ट्रीमिंग और शॉपिंग हर चीज़ इंटरनेट पर निर्भर है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि किस देश में सबसे तेज़ इंटरनेट स्पीड मिलती है
नेशनल डेस्क: इंटरनेट आज सिर्फ एक तकनीक नहीं, बल्कि हर व्यक्ति की ज़रूरत बन गया है. ऑनलाइन पढ़ाई, ऑफिस वर्क, स्ट्रीमिंग और शॉपिंग हर चीज़ इंटरनेट पर निर्भर है. ऐसे में यह जानना दिलचस्प है कि किस देश में सबसे तेज़ इंटरनेट स्पीड मिलती है. अगर आप सोचते हैं कि अमेरिका या भारत सबसे आगे हैं, तो यह खबर आपको चौंका सकती है.
दुनिया का सबसे तेज इंटरनेट देने वाला देश कौन है?
Speedtest Global Index की रिपोर्ट के अनुसार अप्रैल 2025 तक यूएई (United Arab Emirates) मोबाइल इंटरनेट स्पीड के मामले में दुनिया में नंबर वन बन चुका है. यहां औसत स्पीड 442 Mbps दर्ज की गई, जो अब तक की सबसे ऊंची रफ्तार मानी जा रही है. यूएई के बाद कतर, हांगकांग, सिंगापुर और दक्षिण कोरिया जैसे छोटे मगर टेक्नोलॉजी में अग्रणी देशों ने टॉप 5 में अपनी जगह बनाई है.
भारत की स्थिति क्या है?
भारत में इंटरनेट की पहुंच भले ही ज़्यादा हो गई हो, लेकिन स्पीड के मामले में यह अब भी पीछे है.
हालांकि भारत में डेटा की कीमत दुनिया में सबसे सस्ती है, लेकिन स्पीड और नेटवर्क स्टेबिलिटी के मामले में अभी काफी सुधार की ज़रूरत है.
क्या पाकिस्तान है टॉप देशों में?
कुछ सोशल मीडिया पोस्ट्स में दावा किया जा रहा था कि पाकिस्तान इंटरनेट स्पीड के मामले में टॉप देशों में है, लेकिन सच्चाई इसके बिल्कुल उलट है.
Ookla की रिपोर्ट बताती है कि पाकिस्तान में:
इस लिहाज से पाकिस्तान इस लिस्ट में कहीं नजर नहीं आता.
तो अमेरिका कहां है?
अमेरिका इंटरनेट टेक्नोलॉजी का जन्मस्थान माना जाता है. फिर भी स्पीड के मामले में यह टॉप देशों में नहीं आता.
हालांकि अमेरिका की ब्रॉडबैंड स्पीड भारत से कहीं बेहतर है, लेकिन यह यूएई या सिंगापुर जैसे देशों से पीछे है.
भारत और पाकिस्तान क्यों पिछड़े हैं?
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जनसंख्या का दबाव
दोनों देशों में बड़ी आबादी इंटरनेट का उपयोग करती है. ज्यादा यूज़र्स का मतलब नेटवर्क पर अधिक लोड, जिससे स्पीड प्रभावित होती है.
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कमज़ोर इन्फ्रास्ट्रक्चर
ग्रामीण इलाकों में अब भी फाइबर ऑप्टिक केबल्स या 5G नेटवर्क की पहुंच नहीं है. इससे इंटरनेट की गुणवत्ता पर असर पड़ता है.
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नीतिगत चुनौतियां
भारत में डेटा सस्ता है, लेकिन नेटवर्क कंपनियों का मुनाफा कम है. इसका असर उनके निवेश पर पड़ता है.
तेज इंटरनेट पाने वाले देशों की खासियत क्या है?
यूएई, सिंगापुर, दक्षिण कोरिया जैसे देशों ने इंटरनेट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर बड़ा निवेश किया है. वहां:
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फाइबर-आधारित नेटवर्क का जोर
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5G और लेटेस्ट टेक्नोलॉजी का तेज़ी से विस्तार
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सरकारी सहयोग और तकनीकी नीति में स्पष्टता
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कम आबादी और शहरीकरण से नेटवर्क प्रबंधन आसान होता है
क्या भारत आगे बढ़ सकता है?
बिलकुल. भारत 5G रोलआउट में तेजी ला रहा है और भारत नेट योजना जैसे प्रोजेक्ट्स के जरिए गांव-गांव इंटरनेट पहुंचाने का लक्ष्य रखा गया है. आने वाले 3-4 सालों में भारत इंटरनेट स्पीड के मामले में बड़ी छलांग लगा सकता है, लेकिन इसके लिए लगातार निवेश और नीतिगत फैसले ज़रूरी हैं.