Edited By Rohini Oberoi,Updated: 27 Dec, 2025 03:15 PM

दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके से पिछले सात महीनों से लापता एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरक्षित ढूंढ निकाला है। 26 मई 2024 की एक सुबह अचानक गायब हुई इस बेटी की तलाश में परिवार दर-दर भटक रहा था। आखिरकार दिल्ली पुलिस की एंटी...
नेशनल डेस्क। दिल्ली के सिविल लाइंस इलाके से पिछले सात महीनों से लापता एक 17 वर्षीय नाबालिग लड़की को क्राइम ब्रांच की टीम ने सुरक्षित ढूंढ निकाला है। 26 मई 2024 की एक सुबह अचानक गायब हुई इस बेटी की तलाश में परिवार दर-दर भटक रहा था। आखिरकार दिल्ली पुलिस की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) ने तकनीकी सर्विलांस और जमीनी खुफिया जानकारी के आधार पर उसे बवाना इलाके से बरामद कर लिया।
लापता होने से बरामदगी तक का सफर
लड़की अचानक घर से बिना बताए गायब हो गई। परिजनों ने सिविल लाइंस थाने में अपहरण (IPC की धारा 363) का मामला दर्ज कराया। मामला नाबालिग से जुड़ा होने के कारण जांच की जिम्मेदारी क्राइम ब्रांच की विशेष यूनिट को सौंपी गई। एसीपी सुरेश कुमार के नेतृत्व में इंस्पेक्टर संजय कुमार और एसआई विशाल गुप्ता समेत हेड कांस्टेबल अमित और महिला कांस्टेबल दीपिका की एक समर्पित टीम बनाई गई।
इंस्टाग्राम और सोशल मीडिया की भूमिका
जांच के दौरान पुलिस को पता चला कि यह मामला केवल अपहरण का नहीं बल्कि डिजिटल दुनिया से शुरू हुई एक प्रेम कहानी का है। नाबालिग लड़की करीब दो साल पहले इंस्टाग्राम के जरिए एक युवक के संपर्क में आई थी। लंबे समय तक बातचीत और दोस्ती के बाद दोनों ने साथ रहने का फैसला किया। 26 मई को लड़की अपने परिवार को बिना बताए बवाना निवासी युवक के पास चली गई और वहीं रहने लगी।
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बवाना में पुलिस की दबिश और बरामदगी
पुलिस टीम ने तकनीकी सर्विलांस और कॉल डिटेल्स (CDR) का बारीकी से विश्लेषण किया। अंततः हेड कांस्टेबल अमित को एक गुप्त सूचना मिली कि लड़की बवाना की रमेश कॉलोनी में छिपी हो सकती है। पुलिस टीम ने इलाके में घेराबंदी की और कई घंटों की कड़ी मेहनत के बाद लड़की को सुरक्षित ढूंढ निकाला।
पूछताछ और कानूनी प्रक्रिया
पूछताछ में पता चला कि लड़की आठवीं कक्षा तक पढ़ी है और उसने उसी युवक से शादी कर ली थी। पुलिस ने बरामदगी के बाद कानूनी प्रोटोकॉल का पालन करते हुए। बच्ची की काउंसलिंग की। उसे स्थानीय पुलिस और संबंधित बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश करने की प्रक्रिया शुरू की। परिवार को सूचित किया जिनके लिए बेटी का मिलना किसी पुनर्जन्म से कम नहीं था।