Edited By Shubham Anand,Updated: 08 Jul, 2025 04:24 PM

12 जून 2025 को अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लंदन के लिए उड़ान भरने के बाद मेघाणीनगर इलाके में मेडिकल हॉस्टल परिसर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में विमान में...
National Desk : 12 जून 2025 को अहमदाबाद स्थित सरदार वल्लभभाई पटेल अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे से एअर इंडिया का बोइंग 787-8 ड्रीमलाइनर लंदन के लिए उड़ान भरने के बाद मेघाणीनगर इलाके में मेडिकल हॉस्टल परिसर के पास दुर्घटनाग्रस्त हो गया था। इस दर्दनाक हादसे में विमान में सवार 242 लोगों में से 241 की मौत हो गई, जबकि केवल एक यात्री की जान बची। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर समेत 19 अन्य लोगों की भी मौत हुई थी।
ब्लैक बॉक्स बरामद, तेजी से हुई जांच
हादसे के बाद जांच टीम को दो ब्लैक बॉक्स मिले। पहला ब्लैक बॉक्स 13 जून को दुर्घटनास्थल पर एक इमारत की छत से बरामद हुआ, जबकि दूसरा ब्लैक बॉक्स 16 जून को मलबे से निकाला गया। फ्रंट ब्लैक बॉक्स से क्रैश प्रोटेक्शन मॉड्यूल (CPM) प्राप्त हुआ, और 25 जून को मेमोरी मॉड्यूल की एक्सेसिंग की गई। जांच टीम ने डेटा को सफलतापूर्वक AAIB की दिल्ली लैब में डाउनलोड किया। इसके लिए डुप्लिकेट ब्लैक बॉक्स (गोल्डन चेसिस) का इस्तेमाल किया गया था।
जांच टीम और रिपोर्ट
इस हादसे की जांच भारतीय वायु सेना, हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL), और अमेरिकी नेशनल ट्रांसपोर्टेशन सेफ्टी बोर्ड (NTSB) के तकनीकी विशेषज्ञों द्वारा की गई। जांच टीम का नेतृत्व एयरक्राफ्ट एक्सीडेंट इंवेस्टीगेशन ब्यूरो (AAIB) के डायरेक्टर कर रहे थे। जांच में विमानन चिकित्सा विशेषज्ञ और एयर ट्रैफिक कंट्रोल अधिकारी भी शामिल थे। NTSB की टीम फिलहाल दिल्ली में मौजूद है और AAIB लैब में भारतीय अधिकारियों के साथ मिलकर काम कर रही है। सूत्रों के अनुसार, जांच टीम ने अपनी प्राथमिक रिपोर्ट नागरिक उड्डयन मंत्रालय को सौंप दी है। रिपोर्ट में हादसे के कारणों से जुड़ी महत्वपूर्ण जानकारी जल्द ही सार्वजनिक की जाएगी।
पहली बार भारत में हुई ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग
इस हादसे की एक खास बात यह रही कि ब्लैक बॉक्स की पूरी डिकोडिंग और जांच भारत में ही दिल्ली स्थित AAIB लैब में की गई। इससे पहले विमान हादसों के ब्लैक बॉक्स की डिकोडिंग के लिए आमतौर पर अमेरिका, इंग्लैंड, फ्रांस, इटली, कनाडा और रूस जैसे देशों में भेजा जाता था। अहमदाबाद हादसे की जांच ने यह साबित कर दिया कि भारत में भी ब्लैक बॉक्स जांच की उच्च तकनीकी सुविधा उपलब्ध है।