निर्भया केस में नया मोड़, दोषियों को अब 22 जनवरी को नहीं होगी फांसी

Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Jan, 2020 04:41 PM

nirbhaya culprits hang hard on january 22

निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार के पटियाला हाऊस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वांरट के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान ASG और दिल्ली सरकार ने कोर्ट में कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देना...

नई दिल्लीः निर्भया गैंगरेप और मर्डर केस के चार दोषियों में से एक मुकेश कुमार के पटियाला हाऊस कोर्ट द्वारा जारी डेथ वांरट के खिलाफ दिल्ली हाईकोर्ट में दायर याचिका पर सुनवाई हुई। इस दौरान ASG और दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में कहा कि दोषियों को 22 जनवरी को फांसी देना मुश्किल होगा क्योंकि दोषी मुकेश की दया याचिका पर राष्ट्रपति के फैसले के बाद उसे 14 दिन का और वक्त दिया जाएगा। चारों दोषियों- विनय शर्मा (26), मुकेश कुमार (32), अक्षय कुमार सिंह (31) और पवन गुप्ता (25) को 22 जनवरी को तिहाड़ जेल में सुबह सात बजे फांसी दिए जाने की घोषणा की गई थी।

PunjabKesari

दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने चारों दोषियों मौत की सजा के फैसले पर अमल के लिए 7 जनवरी को वारंट जारी किया था। दिल्ली सरकार और केंद्र ने न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल को बताया कि दोषी मुकेश द्वारा मृत्यु वारंट के खिलाफ Immature petition दाखिल की गई है। दिल्ली सरकार और जेल अधिकारियों ने अदालत को सूचित किया कि नियमों के मुताबिक उन्हें वारंट पर अमल करने से पहले दया याचिका पर फैसला आने तक इंतजार करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि मौजूदा दया याचिका पर जब तक फैसला नहीं आ जाता तब तक 22 जनवरी को किसी भी दोषी को फांसी नहीं दी जा सकती है।

PunjabKesari

दरअसल मुकेश ने अपनी याचिका में यह मांग भी की है कि अगर उसकी दया याचिका खारिज कर दी जाती है तो उसे फांसी की तारीख के बारे में 14 दिन का नोटिस दिया जाए। याचिका में दलील दी गई है कि शत्रुघ्न चौहान बनाम भारत संघ मामले में सर्वोच्च अदालत के फैसले के अनुसार दया याचिका की रिजेक्शन और फांसी की तय तारीख के बीच कम से कम 14 दिनों का नोटिस होना चाहिए ताकि अभियुक्त विभिन्न न्यायिक विकल्पों का उपयोग कर सके और इस दुनिया से जाने की अंतिम तैयारियां कर ले। मुकेश ने अपनी दलील में कहा कि वह सुप्रीम कोर्ट के अंतिम फैसले, फांसी की सजा या राष्ट्रपति की किसी कार्रवाई पर सवाल नहीं उठा रहा है।

PunjabKesari

दिल्ली हाईकोर्ट में दोषी मुकेश की याचिका खारिज
वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने दोषी मुकेश की डेथ वारंट के खिलाफ दायर याचिका को खारिज कर दिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में ही याचिका दायर करें। कोर्ट ने दोषियों को फटकार लगाई कि जानबूझ कर और बड़ी चालाकी से ऐसी याचिकाएं दायर की जा रही हैं। हाईकोर्ट ने कहा कि दोषी सिस्टम का दुरुपयोग कर रहे हैं। दोषी मुकेश ने मंगलवार को डेथ वांरट के खिलाफ याचिका दायर की थी। इस मामले के चारों अभियुक्तों - विनय शर्मा, मुकेश कुमार, अक्षय कुमार सिंह और पवन गुप्ता को 22 जनवरी को फांसी देने के निर्देश दिए गए हैं।

PunjabKesari

दिल्ली सरकार ने खारिज की याचिका
दिल्ली सरकार ने हाईकोर्ट में बताया कि दोषियों की दया याचिका राज्य सरकार द्वारा खारिज कर दी गई है और इसे अब दिल्ली के उपराज्यपाल को भेजा गया है। बता दें कि इससे पहले इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार को मुकेश और विनय की क्यूरेटिव पिटीशन को खारिज कर दिया था।

PunjabKesari

दिल्ली सरकार और तिहाड़ को हाईकोर्ट की फटकार
याचिका पर न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति संगीता ढींगरा सहगल की पीठ ने सुनवाई करते हुए दिल्ली सरकार और तिहाड़ जेल प्रशासन को फटकार लगाई और कहा कि डेथ वांरट जारी करने में इतना वक्त क्यों लगाया गया। देरी के चलते ही दोषी अब इस तरह की याचिकाएं दायर कर रहे हैं। वहीं दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि अपनी व्यवस्था दुरुस्त रखिए।'' अदालत ने कहा, ‘‘आपका घर अव्यवस्थित है। समस्या यह है कि लोग व्यवस्था पर से भरोसा खो देंगे। चीजें सही दिशा में नहीं बढ़ रहीं। व्यवस्था का दुरुपयोग होने की गुंजाइश है और हम इस संबंध में तिकड़म होते देख रहे हैं, जिससे व्यवस्था अनजान है।'' दिल्ली सरकार के स्थाई वकील (फौजदारी) राहुल मेहरा ने सुनवाई के दौरान पीठ से कहा कि एक दोषी ने दया याचिका दाखिल की है, इसलिए जेल नियमों के अनुसार चारों में से किसी को फांसी नहीं दी जा सकती।

PunjabKesari

उन्होंने कहा कि मुकेश ने दया याचिका दायर की है, इसलिए नियमों के अनुसार उन्हें अन्य दोषियों के भी इस विकल्प का इस्तेमाल करने का इंतजार करना होगा। इस पर पीठ ने कहा, ‘‘तो आपका नियम ही खराब है , अगर आप तब तक कार्रवाई नहीं कर सकते जब तक सह-दोषी दया याचिका दाखिल नहीं कर देते। कोई दिमाग ही नहीं लगाया गया। व्यवस्था कैंसर से ग्रस्त है।'' जेल अधिकारियों के बचाव में मेहरा ने कहा कि दोषी कानूनी प्रक्रिया और प्रणाली को ही चुनौती दे रहे हैं और फांसी में देरी के लिए सुधारात्मक तथा दया याचिकाएं दाखिल कर रहे हैं। मेहरा ने कहा कि अगर 21 जनवरी की दोपहर तक दया याचिका पर कोई निर्णय नहीं लिया जाता तो जेल अधिकारियों को नए सिरे से मृत्यु वारंट जारी कराने के लिए सत्र अदालत जाना होगा। अगर 22 जनवरी से पहले या बाद में दया याचिका खारिज की जाती है तो भी सभी दोषियों के लिए निचली अदलत से नया मृत्यु वारंट जारी कराना होगा।

Related Story

Trending Topics

IPL
Chennai Super Kings

176/4

18.4

Royal Challengers Bangalore

173/6

20.0

Chennai Super Kings win by 6 wickets

RR 9.57
img title
img title

Be on the top of everything happening around the world.

Try Premium Service.

Subscribe Now!