Edited By Shubham Anand,Updated: 27 Dec, 2025 08:52 PM
चीन ने हाई-स्पीड रेल तकनीक में नया कीर्तिमान स्थापित करते हुए मैग्लेव टेस्ट के दौरान 700 किमी/घंटा की अविश्वसनीय रफ्तार हासिल की है। इस टेस्ट व्हीकल ने मात्र 2 सेकंड में यह गति पकड़ी। वर्तमान में भी चीन 350 किमी/घंटा की कमर्शियल स्पीड के साथ दुनिया...
इंटरनेशनल डेस्क : चीन ने एक बार फिर हाई-स्पीड रेल तकनीक के क्षेत्र में दुनिया को चौंका दिया है। हाल ही में किए गए मैग्लेव रेल टेस्ट में चीन ने 700 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार हासिल की है। यह कोई पैसेंजर ट्रेन नहीं, बल्कि एक टेस्ट व्हीकल था, लेकिन इस परीक्षण ने साफ कर दिया है कि चीन हाई-स्पीड रेल की अगली पीढ़ी पर तेजी से काम कर रहा है। खास बात यह रही कि इस टेस्ट व्हीकल ने महज 2 सेकेंड में 700 किमी प्रति घंटे की स्पीड पकड़ ली। यदि यह तकनीक भविष्य में कमर्शियल ऑपरेशन तक पहुंचती है, तो मौजूदा ग्लोबल रेल नेटवर्क की परिभाषा पूरी तरह बदल सकती है।
यह भले ही भविष्य की तस्वीर हो, लेकिन मौजूदा समय में भी ऑपरेशनल ट्रेन स्पीड के मामले में चीन पहले से ही दुनिया में सबसे आगे है। 350 किमी प्रति घंटे की कमर्शियल स्पीड के साथ चीन इस वक्त दुनिया का सबसे तेज हाई-स्पीड रेल नेटवर्क चला रहा है। इसके बाद जापान और फ्रांस 320 किमी प्रति घंटे की स्पीड के साथ मजबूती से इस दौड़ में बने हुए हैं। वहीं मोरक्को भी 320 किमी प्रति घंटे की स्पीड के साथ इस खास क्लब में शामिल हो चुका है। यह इस बात का संकेत है कि हाई-स्पीड रेल अब केवल विकसित देशों तक सीमित नहीं रही है।
यूरोप में 300 किमी/घंटा की स्पीड बन रही नई नॉर्मल
300 किमी प्रति घंटे के आसपास की ऑपरेशनल स्पीड वाले देशों का एक बड़ा समूह भी सामने आता है। इसमें जर्मनी, यूनाइटेड किंगडम, इटली, स्पेन, तुर्की, इंडोनेशिया, नीदरलैंड्स और बेल्जियम जैसे देश शामिल हैं। यह समूह दर्शाता है कि हाई-स्पीड रेल अब एक ग्लोबल स्टैंडर्ड बनती जा रही है, जहां 300 किमी प्रति घंटे की रफ्तार को नई नॉर्मल स्पीड के रूप में देखा जाने लगा है।
अमेरिका भी हाई-स्पीड रेस में शामिल
इससे नीचे की श्रेणी में अमेरिका और यूरोप के कुछ अन्य देश आते हैं, जहां ट्रेन की रफ्तार अपेक्षाकृत कम है, लेकिन नेटवर्क मजबूत और भरोसेमंद माने जाते हैं। अमेरिका में ट्रेनें अधिकतम 240 किमी प्रति घंटे की स्पीड से चल रही हैं। वहीं डेनमार्क में 250 किमी प्रति घंटे और ऑस्ट्रिया में 230 किमी प्रति घंटे की स्पीड दर्ज की गई है। इसके अलावा पोलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड और सर्बिया जैसे देश 200 किमी प्रति घंटे की कैटेगरी में आते हैं।
700 से पहले 450 की बड़ी छलांग
हाई-स्पीड ट्रेन नेटवर्क की कहानी में एक अहम मोड़ अक्टूबर 2025 में आया, जब चीन ने CR450 हाई-स्पीड ट्रेन को पेश किया। यह ट्रेन टेस्टिंग के दौरान 450 किमी प्रति घंटे तक की रफ्तार के लिए डिजाइन की गई है। उम्मीद है कि यह ट्रेन 2026 से करीब 400 किमी प्रति घंटे की कमर्शियल स्पीड पर परिचालन शुरू कर सकती है। यदि ऐसा होता है, तो चीन एक बार फिर बाकी दुनिया से कई कदम आगे निकल जाएगा।
दुनिया की सबसे तेज ऑपरेशनल ट्रेन स्पीड्स
चीन – 350 किमी/घंटा, दुनिया का सबसे तेज कमर्शियल हाई-स्पीड रेल नेटवर्क, मैग्लेव टेस्ट में 700 किमी/घंटा का रिकॉर्ड
जापान – 320 किमी/घंटा, बुलेट ट्रेन तकनीक का ग्लोबल बेंचमार्क, सेफ्टी और समय की पाबंदी के लिए मशहूर
फ्रांस – 320 किमी/घंटा, यूरोप का हाई-स्पीड पायनियर, TGV नेटवर्क के जरिए लंबी दूरी की तेज यात्रा
मोरक्को – 320 किमी/घंटा, अफ्रीका का पहला हाई-स्पीड रेल नेटवर्क, जिसने महाद्वीप में नया स्टैंडर्ड स्थापित किया
दक्षिण कोरिया – 305 किमी/घंटा, एडवांस तकनीक और घने रूट नेटवर्क के साथ मजबूत मौजूदगी
300 किमी/घंटा क्लब – जर्मनी, यूके, इटली, स्पेन, तुर्की, इंडोनेशिया, नीदरलैंड्स, बेल्जियम
डेनमार्क – 250 किमी/घंटा, आधुनिक यूरोपीय नेटवर्क का हिस्सा
संयुक्त राज्य अमेरिका – 240 किमी/घंटा, सीमित हाई-स्पीड रूट्स लेकिन विस्तार की योजनाएं
ऑस्ट्रिया और फिनलैंड – 230 किमी/घंटा और 220 किमी/घंटा
पोलैंड, स्वीडन, स्विट्जरलैंड, सर्बिया – 200 किमी/घंटा, हाई-स्पीड रेल की बेस कैटेगरी