Edited By Rohini Oberoi,Updated: 03 Aug, 2025 09:40 AM

उत्तराखंड की राजधानी देहरादून अब आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए और भी एडवांस हो गई है। जिला प्रशासन ने पहली बार जिले के थानों और चौकियों में आधुनिक लॉन्ग रेंज इमरजेंसी सायरन लगाए हैं। इन सायरनों की आवाज़ 8 से 16 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी जिससे...
नेशनल डेस्क। उत्तराखंड की राजधानी देहरादून अब आपातकाल की स्थिति से निपटने के लिए और भी एडवांस हो गई है। जिला प्रशासन ने पहली बार जिले के थानों और चौकियों में आधुनिक लॉन्ग रेंज इमरजेंसी सायरन लगाए हैं। इन सायरनों की आवाज़ 8 से 16 किलोमीटर दूर तक सुनाई देगी जिससे किसी भी आपदा या बाहरी हमले की स्थिति में लोगों को समय रहते अलर्ट किया जा सकेगा।
सफल ट्रायल पूरा, अब रैपिड कम्युनिकेशन सिस्टम की बारी
डीएम सविन बंसल की पहल पर लगाए गए इन सायरनों का सफल ट्रायल पूरा हो चुका है। फिलहाल इनकी फाइनल कमीशनिंग चल रही है। इन सायरनों के बाद प्रशासन अब जिले में आधुनिक रैपिड कम्युनिकेशन सिस्टम भी लगाने की तैयारी में है। ये सिस्टम मिलिट्री, पैरा मिलिट्री, एयरपोर्ट, बड़े अस्पतालों और आईएसबीटी जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर लगाए जाएंगे।
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कहां-कहां लगे हैं ये सायरन?
➤ शुरुआती चरण में देहरादून में 13 प्रमुख स्थानों पर ये सायरन लगाए गए हैं।
➤ 8 किमी रेंज वाले सायरन: ये सायरन थाना पटेलनगर, राजपुर, डालनवाला, कैंट, कोतवाली, बसंत विहार, बिंदाल चौकी, लक्खीबाग चौकी और पुलिस लाइन, नेहरू कॉलोनी में लगाए गए हैं।
➤ 16 किमी रेंज वाले सायरन: अधिक रेंज वाले सायरन ऋषिकेश, प्रेमनगर, क्लेमेंटाउन और रायपुर में स्थापित किए गए हैं।
इन सायरनों को संबंधित थानों, चौकियों और जिला आपातकालीन परिचालन केंद्र से ऑपरेट किया जा सकता है। इससे पहले जिले में 1970 के दशक में उस समय की आबादी के हिसाब से सायरन लगे थे जिन्हें अब आधुनिक तकनीक से अपडेट किया जा रहा है।