Edited By Mansa Devi,Updated: 31 Dec, 2025 05:38 PM

मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केइसम मेघचंद्र ने बुधवार को कहा कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में नए साल में शांति और सामान्य स्थिति तभी बहाल हो सकती है, अगर विधानसभा को भंग कर दिया जाए और नए सिरे से चुनाव कराए जाए।
नेशनल डेस्क: मणिपुर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष केइसम मेघचंद्र ने बुधवार को कहा कि जातीय संघर्ष से ग्रस्त राज्य में नए साल में शांति और सामान्य स्थिति तभी बहाल हो सकती है, अगर विधानसभा को भंग कर दिया जाए और नए सिरे से चुनाव कराए जाए। केइसम ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जब हर जगह लोग नव वर्ष मना रहे हैं, मणिपुर में हमें उत्सव का माहौल देखने को नहीं मिल रहा है। राज्य की जनता के कल्याण का एकमात्र उपाय वर्तमान विधानसभा को भंग करना है। हमारी मांग विधानसभा को भंग करने और नए सिरे से विधानसभा गठित करने की है।
राज्य में शांति और सामान्य स्थिति लाने का यही एकमात्र उपाय है।'' वांगखेम से विधायक केइसम ने कहा, ‘‘मौजूदा संकट ने लोगों की आकांक्षाओं और शिकायतों को दूर करने में वर्तमान सरकार की विफलता को उजागर कर दिया है।'' कांग्रेस नेता ने हालांकि उम्मीद जताई कि नया साल मणिपुर में स्पष्टता, न्याय और स्थायी शांति के लिए जनप्रेरित राजनीतिक परिवर्तन लेकर आएगा। इसी बीच, भाजपा विधायक टोंगब्राम रोबिंद्रो ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमने कई त्योहार और उत्सव मनाए हैं, जिनमें संगाई उत्सव, ऑरेंज फेस्टिवल, क्रिसमस और नवंबर और दिसंबर में मेइती समुदाय का अपना इमोइनू उत्सव शामिल हैं।''
उन्होंने कहा, ‘‘इस उत्सव के समय में, मैं सभी समुदायों के लोगों से अपील करता हूं कि वे सभी मतभेदों और गलतफहमियों को भुलाकर नए साल के आगमन के साथ पहले जैसी शांति, सामान्य स्थिति और सौहार्द्रपूर्ण संबंधों की ओर लौटें।'' मणिपुर में तत्कालीन मुख्यमंत्री एवं भाजपा नेता एन बीरेन सिंह द्वारा इस्तीफा दिये जाने के बाद 13 फरवरी से राष्ट्रपति शासन लागू है। सिंह ने मई 2023 में शुरू हुई जातीय हिंसा के बाद नौ फरवरी को इस्तीफा दे दिया था। हिंसा में 260 से अधिक लोगों की जान चली गई थी। हालांकि, केंद्र ने 60 सदस्यीय राज्य विधानसभा को भंग नहीं किया जिसका कार्यकाल 2027 तक है।