''अब भीख नहीं, बिजनेस की उम्मीद करते हैं हमारे मित्र देश'', PM शहबाज का पाक की आर्थिक स्थिति को लेकर बड़ा कबूलनामा

Edited By Updated: 01 Jun, 2025 11:33 AM

pm shahbaz makes a big confession about pakistan s economic situation

पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर अपने देश की खराब आर्थिक स्थिति को लेकर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने माना कि अब पाकिस्तान के करीबी दोस्त भी बिना शर्त आर्थिक मदद देने से पीछे हट रहे हैं। यह बयान उन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी सेना के...

नेशनल डेस्क : पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ ने एक बार फिर अपने देश की खराब आर्थिक स्थिति को लेकर खुलकर बयान दिया है। उन्होंने माना कि अब पाकिस्तान के करीबी दोस्त भी बिना शर्त आर्थिक मदद देने से पीछे हट रहे हैं। यह बयान उन्होंने हाल ही में पाकिस्तानी सेना के अधिकारियों को संबोधित करते हुए दिया।

अब 'भीख' नहीं, 'बिजनेस' चाहते हैं हमारे दोस्त – शहबाज

प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा कि चीन, सऊदी अरब, तुर्की, कतर और यूएई जैसे देश पाकिस्तान के पुराने और भरोसेमंद दोस्त हैं, लेकिन अब वे सिर्फ सहायता नहीं, बल्कि व्यापार और निवेश में भागीदारी चाहते हैं। शहबाज ने कहा, 'आज दुनिया बदल चुकी है। हमारे मित्र देश अब हमसे चाहते हैं कि हम नवाचार, व्यापार, शिक्षा, स्वास्थ्य और निवेश के क्षेत्र में साझेदारी करें। वे अब सिर्फ मदद मांगने वाले देश के रूप में हमें नहीं देखना चाहते।' शहबाज शरीफ ने यह भी कहा कि अब ये देश पारस्परिक लाभ वाले समझौतों की उम्मीद करते हैं, न कि केवल पाकिस्तान को एकतरफा मदद देने की।

मैं और सेना प्रमुख आखिरी लोग हैं जो यह बोझ उठाएंगे – शरीफ

अपने भाषण में प्रधानमंत्री ने पाक सेना प्रमुख जनरल असीम मुनीर का भी ज़िक्र किया और कहा, 'मैं और फील्ड मार्शल असीम मुनीर इस भारी आर्थिक बोझ को ढोने वाले आखिरी लोग होंगे। अब यह जिम्मेदारी पूरे देश की है।' इस बयान से उन्होंने स्पष्ट कर दिया कि देश की आर्थिक स्थिति सुधारने की जिम्मेदारी अब केवल सरकार या सेना की नहीं, बल्कि पूरे पाकिस्तान की जनता की भी है।

पहले भी कबूल कर चुके हैं हालात – 'भीख का कटोरा' वाला बयान यादगार

यह पहली बार नहीं है जब शहबाज शरीफ ने पाकिस्तान की बदतर आर्थिक स्थिति को स्वीकार किया हो। इससे पहले भी उन्होंने कहा था कि वे प्रधानमंत्री होकर भी दुनिया के सामने 'भीख का कटोरा' लेकर खड़े नहीं रहना चाहते। हाल ही में पाकिस्तान को IMF (अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष) से कुछ आर्थिक राहत जरूर मिली है, लेकिन जानकारों का मानना है कि यह सहायता स्थायी समाधान नहीं है। देश की अर्थव्यवस्था को स्थिर करने के लिए गहरे और टिकाऊ सुधारों की ज़रूरत है।


 

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