Edited By Rohini Oberoi,Updated: 25 Dec, 2025 04:28 PM

मध्यप्रदेश के सरकारी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है। हैकर्स ने राज्य सरकार की 32 वेबसाइटों और 21 मोबाइल ऐप्स को निशाना बनाया। इस हमले के लिए 'जीरो-डे वलनरेबिलिटी' (Zero-Day Vulnerability) जैसी खतरनाक तकनीक का इस्तेमाल किया गया।...
Hackers attack on websites: मध्यप्रदेश के सरकारी डिजिटल बुनियादी ढांचे पर एक बड़ा साइबर हमला हुआ है। हैकर्स ने राज्य सरकार की 32 वेबसाइटों और 21 मोबाइल ऐप्स को निशाना बनाया। इस हमले के लिए 'जीरो-डे वलनरेबिलिटी' (Zero-Day Vulnerability) जैसी खतरनाक तकनीक का इस्तेमाल किया गया। हालांकि राहत की बात यह रही कि सरकारी सुरक्षा टीमों ने तत्परता दिखाते हुए महज 48 घंटों के भीतर सिस्टम को रिकवर कर लिया।

कैसे हुआ हमला? (Zero-Day Attack)
जांच में सामने आया है कि हैकर्स ने डार्क वेब के जरिए सॉफ्टवेयर की ऐसी खामियों का पता लगाया जिनकी जानकारी खुद सॉफ्टवेयर बनाने वाली कंपनी को भी नहीं थी। इसे ही तकनीकी भाषा में 'जीरो-डे वलनरेबिलिटी' कहा जाता है। हैकर्स ने सिस्टम की इस अनजानी कमजोरी का फायदा उठाकर डेटा को लॉक कर दिया। मध्यप्रदेश कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम (MP-CERT) और MPSEDC के अधिकारियों ने तुरंत कार्रवाई की और प्रभावित साइट्स को सुरक्षित बचा लिया।
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क्या होता है रैनसमवेयर अटैक? (Ransomware)
इसे एक आसान उदाहरण से समझें: मान लीजिए आपके घर की अलमारी पर कोई अनजान व्यक्ति ताला लगा दे और चाबी देने के बदले आपसे मोटी रकम (फिरौती) मांगे।
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डिजिटल फिरौती: रैनसमवेयर एक ऐसा वायरस है जो आपके कंप्यूटर या मोबाइल की सभी फाइलों (फोटो, डॉक्यूमेंट, ऐप्स) को एन्क्रिप्ट (Lock) कर देता है।
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मैसेज: स्क्रीन पर एक मैसेज दिखाई देता है जिसमें डेटा वापस पाने के लिए क्रिप्टोकरेंसी या पैसों की मांग की जाती है।
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कैसे फैलता है: ज्यादातर यह हमला किसी संदिग्ध लिंक पर क्लिक करने, असुरक्षित ईमेल अटैचमेंट या पायरेटेड सॉफ्टवेयर डाउनलोड करने से होता है।

भविष्य के लिए बड़ी चेतावनी
हालांकि विभाग ने दावा किया है कि इस बार डेटा पूरी तरह सुरक्षित है लेकिन अधिकारी इसे भविष्य के लिए एक बड़े खतरे के रूप में देख रहे हैं।