Edited By Seema Sharma,Updated: 15 Sep, 2021 04:07 PM
कई रेस्त्रां और बार ने दिल्ली हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और पुलिस को हर्बल हुक्का की बिक्री में हस्तक्षेप नहीं करने या उनके खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने का निर्देश देने का बुधवार को अनुरोध किया। दिल्ली सरकार ने इस याचिका का विरोध किया था।
नेशनल डेस्क: कई रेस्त्रां और बार ने दिल्ली हाईकोर्ट से आम आदमी पार्टी (AAP) सरकार और पुलिस को हर्बल हुक्का की बिक्री में हस्तक्षेप नहीं करने या उनके खिलाफ कड़े कदम नहीं उठाने का निर्देश देने का बुधवार को अनुरोध किया। दिल्ली सरकार ने इस याचिका का विरोध किया था। सरकार ने कहा था कि राष्ट्रीय राजधानी में होटल, रेस्तरां, भोजनालयों, बार, पब और डिस्को सहित सभी सार्वजनिक स्थानों पर हुक्के का उपयोग, तंबाकू के साथ या उसके बिना, या उसे साझा करना सख्त वर्जित है और हुक्के का सेवन कोरोना के प्रसार को और बढ़ा सकता है।
जस्टिस रेखा पल्ली ने इस मामले की सुनवाई 20 सितंबर के लिये स्थगित कर दी क्योंकि याचिकाकर्ता रेस्तरां और बार के वकील ने कहा कि वह एक अतिरिक्त हलफनामा दाखिल करेंगे। कोर्ट ने कहा कि उन्हें (दिल्ली सरकार को) साझा हुक्का से समस्या है जिससे covid-19 का प्रसार हो सकता है। अगर 40 लोग 10 हुक्के इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह एक समस्या है।'' अदालत ने कहा कि यह पूरी तरह से अलग स्थिति है। याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता संदीप सेठी ने कहा कि जब तक रेस्तरां हुक्के में निकोटीन का उपयोग नहीं कर रहे हैं, तब तक उन्हें अपना व्यवसाय करने से प्रतिबंधित नहीं किया जा सकता है।
दिल्ली सरकार के स्थायी वकील संतोष कुमार त्रिपाठी ने स्वास्थ्य विभाग द्वारा पारित तीन अगस्त, 2020 के आदेश का हवाला दिया, जिसमें कहा गया है कि सार्वजनिक स्थानों पर, तंबाकू के साथ या उसके बिना हुक्के के उपयोग और साझा करने से कोरोना वायरस का संक्रमण और फैलने की आशंका है। याचिका में कहा गया है कि याचिकाकर्ता हर्बल हुक्का परोस रहे हैं जिसके लिए किसी लाइसेंस की आवश्यकता नहीं है क्योंकि वे पूरी तरह से तंबाकू रहित हैं लेकिन पुलिस अभी भी छापेमारी कर रही है, उपकरण जब्त कर रही है और चालान जारी कर रही है।