Edited By Rohini Oberoi,Updated: 09 Nov, 2025 09:08 AM

अगर आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए डिजिटल गोल्ड खरीदने की योजना बना रहे हैं या पहले से ही इसमें निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ज़रूरी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने निवेशकों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि डिजिटल गोल्ड निवेश में...
नेशनल डेस्क। अगर आप ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स के ज़रिए डिजिटल गोल्ड खरीदने की योजना बना रहे हैं या पहले से ही इसमें निवेश कर रहे हैं तो यह खबर आपके लिए बहुत ज़रूरी है। भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड ने निवेशकों को साफ शब्दों में चेतावनी दी है कि डिजिटल गोल्ड निवेश में कई बड़े और अनदेखे खतरे छुपे हुए हैं। सेबी ने स्पष्ट किया है कि चूंकि इसकी खरीदारी बेहद आसान लगती है इसलिए अक्सर नए निवेशक इन खतरों को नज़रअंदाज़ कर देते हैं।
क्यों खतरनाक है डिजिटल गोल्ड?
सेबी के मुताबिक कई ऑनलाइन प्लेटफॉर्म्स डिजिटल गोल्ड या ई-गोल्ड बेच रहे हैं और इसे फिजिकल गोल्ड (भौतिक सोना) का बेहतर विकल्प बता रहे हैं लेकिन सच्चाई यह है कि:
सेबी का रेगुलेशन नहीं: ये उत्पाद SEBI द्वारा रेगुलेट (नियंत्रित) नहीं किए जाते हैं।
कोई सरकारी सुरक्षा नहीं: डिजिटल गोल्ड की सबसे बड़ी समस्या यही है कि इसमें कोई सरकारी सुरक्षा या निगरानी नहीं होती।
जोखिम: यह निवेश पूरी तरह बिना किसी निगरानी के होता है जिससे निवेशकों को काउंटरपार्टी रिस्क और ऑपरेशनल रिस्क का सामना करना पड़ सकता है।
पैसा डूबने का खतरा: अगर ऑनलाइन प्लेटफॉर्म बंद हो जाए या कोई बड़ी तकनीकी गड़बड़ी आ जाए तो आपके पैसे डूबने का बड़ा जोखिम रहता है।
सेबी किन गोल्ड निवेशों को रेगुलेट करता है?
सेबी ने स्पष्ट किया है कि वह किसी भी डिजिटल गोल्ड को रेगुलेट नहीं करता है लेकिन सोने से जुड़े कुछ उत्पाद सीधे उसकी निगरानी में आते हैं जो सुरक्षित माने जाते हैं:
गोल्ड एक्सचेंज ट्रेडेड फंड्स (Gold ETFs): ये म्यूचुअल फंड्स द्वारा ऑफर किए जाते हैं।
इलेक्ट्रॉनिक गोल्ड रिसीप्ट्स (EGRs): ये डीमैट फॉर्म में सोना खरीदने का विकल्प देते हैं।
ये दोनों प्रोडक्ट्स स्टॉक एक्सचेंज पर ट्रेड किए जा सकते हैं और सेबी के कड़े कानूनों के तहत संचालित होते हैं।
नए निवेशकों के लिए सलाह
खासकर नए और युवा निवेशक जो डिजिटल वॉलेट्स या ऑनलाइन ऐप्स से सोना खरीद लेते हैं उनके लिए जागरूकता बेहद ज़रूरी है। अगर आपको सोने में निवेश करना है तो हमेशा सेबी रजिस्टर्ड ब्रोकर या म्यूचुअल फंड घराने के ज़रिए ही निवेश कीजिए। इन माध्यमों से निवेश करने पर आपको कानून की सुरक्षा मिलती है और आपके निवेश पर सरकारी नज़र भी बनी रहती है।