Edited By jyoti choudhary,Updated: 10 Dec, 2025 11:51 AM

भारत में डिजिटल रूप से किया जाने वाला निवेश लगातार बढ़ रहा था और डिजिटल गोल्ड खासतौर पर नई पीढ़ी की पहली पसंद बन गया था। UPI से भुगतान की सुविधा, कम राशि में खरीद और तुरंत डिलीवरी जैसे कारणों से इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी लेकिन नवंबर 2025 में...
बिजनेस डेस्कः भारत में डिजिटल रूप से किया जाने वाला निवेश लगातार बढ़ रहा था और डिजिटल गोल्ड खासतौर पर नई पीढ़ी की पहली पसंद बन गया था। UPI से भुगतान की सुविधा, कम राशि में खरीद और तुरंत डिलीवरी जैसे कारणों से इसकी लोकप्रियता तेजी से बढ़ी लेकिन नवंबर 2025 में तस्वीर अचानक बदल गई, जब बाजार में डिजिटल गोल्ड की खरीद रिकॉर्ड स्तर तक गिर गई।
UPI से डिजिटल गोल्ड खरीद में 47% गिरावट
नवंबर 2025 में डिजिटल गोल्ड की मांग में अब तक की सबसे बड़ी मासिक गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार, UPI से डिजिटल गोल्ड खरीद अक्टूबर के 2,290.36 करोड़ रुपए से गिरकर सिर्फ 1,215.36 करोड़ रुपए रह गई। यह 47% की गिरावट है, जो इस साल की सबसे बड़ी है। बाजार विशेषज्ञों के मुताबिक यह डिजिटल गोल्ड इंडस्ट्री के लिए एक बड़ा झटका है, क्योंकि यह लगातार बढ़ती लोकप्रियता के बीच पहली बार इतनी बड़ी गिरावट देखी गई है।
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SEBI की चेतावनी बनी मुख्य वजह
SEBI की सख्त चेतावनी को इस गिरावट का प्रमुख कारण माना जा रहा है। नियामक ने स्पष्ट कहा था कि डिजिटल गोल्ड SEBI के नियामकीय दायरे में नहीं आता। इसलिए इसमें निवेश करने वाले निवेशकों को वही सुरक्षा नहीं मिलती, जो गोल्ड ETF, SGB या अन्य रेगुलेटेड उत्पादों में मिलती है। SEBI फिनटेक कंपनियों के गोल्ड वॉल्ट्स की जांच भी नहीं कर सकता, जिससे यह सुनिश्चित नहीं किया जा सकता कि ग्राहक के नाम पर रखा सोना वास्तव में मौजूद है या उसकी गुणवत्ता सही है। इस चेतावनी के बाद निवेशकों में अनिश्चितता बढ़ी और निवेश का रवैया तुरंत बदल गया।
बड़े निवेशकों ने पीछे खींचे कदम
चेतावनी का असर सबसे ज्यादा बड़े निवेशकों पर पड़ा। जहां पहले लाखों रुपए की खरीदारी होती थी, अब निवेशक सिर्फ छोटी रकम लगाना पसंद कर रहे हैं। दिलचस्प है कि मूल्य में कमी के बावजूद डिजिटल गोल्ड की कुल मात्रा (units) नवंबर में 6.44% बढ़कर 12.34 करोड़ यूनिट हो गई। इससे संकेत मिलता है कि लोग इस उत्पाद से पूरी तरह दूर नहीं हुए लेकिन भारी रकम लगाने से बच रहे हैं।
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