Edited By Shubham Anand,Updated: 28 Dec, 2025 11:59 AM

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह द्वारा RSS की संगठनात्मक शक्ति की प्रशंसा करने पर राजनीतिक विवाद छिड़ गया है। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए शशि थरूर ने कहा कि वे भी कांग्रेस में अनुशासन और मजबूती चाहते हैं। दिग्विजय सिंह ने पीएम मोदी की एक पुरानी तस्वीर...
नेशनल डेस्क : कांग्रेस के भीतर संगठन और अनुशासन को लेकर चल रही बहस के बीच वरिष्ठ नेताओं के बयानों ने राजनीतिक गलियारों में नई चर्चा छेड़ दी है। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) की संगठनात्मक क्षमता को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर जहां विवाद खड़ा हुआ, वहीं कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस मुद्दे पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए संगठन को मजबूत करने की जरूरत पर जोर दिया है।
शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह की टिप्पणी पर दी प्रतिक्रिया
कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने दिग्विजय सिंह के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह भी चाहते हैं कि कांग्रेस संगठन अधिक मजबूत और अनुशासित बने। शशि थरूर ने कहा, “कांग्रेस का 140 वर्षों का गौरवशाली इतिहास है और हम इससे बहुत कुछ सीख सकते हैं। हमें आत्ममंथन करने और खुद से सीखने की जरूरत है। किसी भी राजनीतिक दल के लिए अनुशासन बेहद अहम होता है।” उनके इस बयान को संगठनात्मक सुधारों की जरूरत की ओर इशारा माना जा रहा है।
#WATCH | Delhi | On Congress leader Digvijaya Singh praising the organisational strength of the RSS, Congress MP Shashi Tharoor says, "Even I want our organisation to strengthen. There should be discipline in our organisation. Digvijaya Singh can speak for himself..." pic.twitter.com/VuawKAwRim
— ANI (@ANI) December 28, 2025
क्या था दिग्विजय सिंह का बयान, जिस पर मचा विवाद
दरअसल, कांग्रेस की कार्यसमिति (CWC) की बैठक शुरू होने से ठीक पहले वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट साझा किया था, जिसने राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की एक पुरानी तस्वीर पोस्ट की, जिसमें मोदी भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के पैरों के पास बैठे नजर आ रहे हैं।

इस तस्वीर के साथ दिग्विजय सिंह ने लिखा, “RSS का जमीनी स्वयंसेवक और बीजेपी का जमीनी कार्यकर्ता नीचे बैठकर मुख्यमंत्री और प्रधानमंत्री बना… यह संगठन की शक्ति है।” उनके इस बयान को RSS की संगठनात्मक क्षमता की प्रशंसा के रूप में देखा गया, जिस पर कांग्रेस के भीतर और बाहर तीखी प्रतिक्रियाएं सामने आईं।
कांग्रेस को लेकर पहले भी दे चुके हैं नसीहत
यह पहली बार नहीं है जब दिग्विजय सिंह ने कांग्रेस के संगठनात्मक ढांचे पर सवाल उठाए हों। इससे पहले 19 दिसंबर को उन्होंने सोशल मीडिया के जरिए कांग्रेस नेतृत्व को लेकर एक पोस्ट साझा किया था। उस पोस्ट में उन्होंने राहुल गांधी को सीधे संदेश देते हुए कहा था कि पार्टी पर ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है और कांग्रेस को एक व्यावहारिक विकेंद्रीकृत कार्यशैली अपनानी चाहिए। उन्होंने यह भी लिखा था कि उन्हें उम्मीद है कि इस दिशा में कदम उठाए जाएंगे, हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा था कि मौजूदा समय में नेतृत्व को मनाना आसान नहीं है।
विवाद बढ़ने पर दिग्विजय सिंह की सफाई
बयान को लेकर विवाद बढ़ने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में पेश किया गया है। उन्होंने कहा, “गांधी के हत्यारों से कुछ सीखने की जरूरत नहीं है।” दिग्विजय सिंह ने स्पष्ट किया कि वह जो कहना चाहते थे, वह पहले ही साफ तौर पर कह चुके हैं और किसी तरह की गलतफहमी नहीं होनी चाहिए।
उन्होंने यह भी कहा कि वह हमेशा कांग्रेस की विचारधारा के साथ खड़े रहे हैं और विधानसभा से लेकर संसद तक सांप्रदायिक ताकतों के खिलाफ लगातार संघर्ष करते आए हैं। दिग्विजय सिंह के अनुसार, संगठन को मजबूत करने की जरूरत हर राजनीतिक दल में होती है और उनके बयान का उद्देश्य भी यही था। उन्होंने कहा, “हर संगठन को मजबूत बनने की जरूरत होती है… मेरा यही कहना था।”