Edited By Pardeep,Updated: 19 May, 2023 11:03 PM
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दों से ''हैरान'' हैं। इससे पहले दिन में सक्सेना ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे के साथ सेवा मंत्री सौरभ...
नई दिल्लीः दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शुक्रवार को कहा कि वह उपराज्यपाल वी. के. सक्सेना द्वारा उन्हें लिखे गए पत्र की भाषा और उसमें उठाए गए मुद्दों से ''हैरान'' हैं। इससे पहले दिन में सक्सेना ने सेवा विभाग के सचिव आशीष मोरे के साथ सेवा मंत्री सौरभ भारद्वाज के कथित दुर्व्यवहार का मुद्दा उठाते हुए केजरीवाल को पत्र लिखा था।
केजरीवाल ने अपने जवाब में कहा कि वह भारद्वाज के खिलाफ उपराज्यपाल के बयान पर विश्वास नहीं कर सकते। केजरीवाल ने कहा कि भारद्वाज “इतने शांत और मिलनसार स्वभाव” वाले व्यक्ति हैं और फिर भी अगर उन्होंने वास्तव में कुछ कहा तो सक्सेना उन्हें बुलाकर डांट सकते थे, क्योंकि वह उनके छोटे भाई की तरह हैं। उपराज्यपाल ने केजरीवाल को लिखे पत्र में मोरे से भारद्वाज के कथित दुर्व्यवहार का जिक्र किया।
केजरीवाल को लिखे पत्र में सक्सेना ने कहा, ‘‘मैं इस बात को आपके संज्ञान में लाने के लिए पत्र लिख रहा हूं कि आपकी सरकार और इसके मंत्रियों, खासकर (सेवा) मंत्री सौरभ भारद्वाज द्वारा असंवैधानिक कृत्य करने समेत डराने-धमकाने और नियमों व प्रक्रियाओं की अवहेलना की जा रही है।''
केजरीवाल ने सक्सेना को लिखे पत्र में भारद्वाज का बचाव किया और पूछा कि क्या "ऐसी चीजें" उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री से जुड़े किसी भी पत्राचार का विषय होनी चाहिए। केजरीवाल ने कहा, "हमें बहुत सारे काम करने हैं। दिल्ली के लोगों को हमसे बहुत उम्मीदें हैं। हमें दिल्ली को दुनिया का नंबर एक शहर बनाना है और हम यह करेंगे।" अपने पत्र में केजरीवाल ने दिल्ली के लिए कई कामों को पूरा करने के लिए सक्सेना के "आशीर्वाद और सहयोग" की उम्मीद जताई।