Edited By Parveen Kumar,Updated: 31 Dec, 2025 01:05 AM

सोमवार को सोने,चांदी और कॉपर की कीमतों में आई बड़ी गिरावट के बाद मंगलवार को चांदी और कॉपर की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली , एम सी एक्स पर मंगलवार को चांदी करीब 27 हजार रूपए,सोने की कीमत करीब 1725 रूपए और कॉपर की कीमत 104 रूपए की तेजी देखीं...
नेशनल डेस्क: सोमवार को सोने,चांदी और कॉपर की कीमतों में आई बड़ी गिरावट के बाद मंगलवार को चांदी और कॉपर की कीमतों में जबरदस्त तेजी देखने को मिली , एम सी एक्स पर मंगलवार को चांदी करीब 27 हजार रूपए,सोने की कीमत करीब 1725 रूपए और कॉपर की कीमत 104 रूपए की तेजी देखीं गई।
मंगलवार को एम सी एक्स पर मार्च के चांदी की वायदा कीमतें 231100 रूपए पर खुली और रात को 12 बजे के करीब 251360 पर बंद हुई और इसमें 26931 रूपए की तेजी देखी गई। इसी प्रकार सोने की कीमतें 135292 पर खुली और 137182 का स्तर छूने के बाद 1724 रूपए की तेजी के साथ 136666 रूपए पर बंद हुई ,इसी प्रकार कॉपर की कीमतें 1241 रूपए के स्तर पर खुली और 1343 रूपए का उच्तम स्तर छूने के बाद 104 रूपए की तेजी के साथ 1,337.35 पर बंद हुई।
सोमवार को चांदी अपने उच्तम स्तर 254174 छूने के बाद करीब 30000 रूपए प्रति किलो लुढ़क गई थी जबकि सोने की कीमतों में करीब 5 हजार रूपए और कॉपर की कीमतें 1394 रूपए के अपने उच्तम स्तर को छूने के बाद 1201 के स्तर तक लुढ़क गई थी।
इस बीच न्यूयॉर्क स्थित कॉमेक्स पर जनवरी डिलीवरी के लिए फ्रंट मंथ सिल्वर में ऐतिहासिक उछाल दर्ज किया गया है। चांदी की कीमत में एक ही दिन में 10.53% की जबरदस्त तेजी आई और यह $7.3710 प्रति ट्रॉय औंस बढ़कर $77.374 पर पहुंच गई। यह अब तक के इतिहास में चांदी की सबसे बड़ी एक-दिवसीय डॉलर वृद्धि मानी जा रही है। प्रतिशत के लिहाज़ से भी यह 19 मार्च 2009 के बाद सबसे बड़ी एक दिन की तेजी है। इस तेजी के साथ सिल्वर ने नया सर्वकालिक रिकॉर्ड हाई बनाया है। पिछले सात ट्रेडिंग सत्रों में से छह दिनों में चांदी में लगातार मजबूती देखी गई है।
वहीं, 31 दिसंबर 2024 को दर्ज 52-सप्ताह के निचले स्तर $28.94 से चांदी अब तक 167.36% उछल चुकी है और पिछले एक वर्ष में भी इतनी ही तेजी दर्ज की गई है। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि निवेशकों की बढ़ती रुचि, सुरक्षित निवेश की मांग और औद्योगिक उपयोग की मजबूती इस रिकॉर्ड तेजी के प्रमुख कारण हैं। इस ऐतिहासिक स्तर के बाद अब बाजार की नजर आगे आने वाले आर्थिक संकेतकों और नीतिगत फैसलों पर टिकी रहेगी।