Edited By Mehak,Updated: 15 Nov, 2025 06:15 PM

बढ़ती उम्र के साथ कई तरह की बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है। आम धारणा है कि उम्र बढ़ने पर कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है, लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार, 85 साल की उम्र के बाद कैंसर होने की...
नेशनल डेस्क : बढ़ती उम्र के साथ कई तरह की गंभीर बीमारियों का खतरा बढ़ने लगता है। उसमें से एक आम धारणा है कि उम्र बढ़ने पर कैंसर का जोखिम भी बढ़ता है, लेकिन स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की नई रिसर्च में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। अध्ययन के अनुसार, 85 साल की उम्र के बाद कैंसर होने की संभावना काफी कम हो जाती है। इससे पहले भी यह देखा गया है कि मीडियम एज और बुजुर्गों में कैंसर का खतरा बढ़ता है, लेकिन बहुत अधिक उम्र में यह खतरा स्थिर या घटने लगता है।
स्टैनफोर्ड स्टडी की खास बातें
इस स्टडी में रिसर्चर्स ने जेनेटिकली इंजीनियर किए हुए चूहों पर कैंसर रिसर्च की। चूहों में KRAS जीन म्यूटेशन डालकर फेफड़े का कैंसर विकसित किया गया। स्टडी में 4–6 महीने और 21–22 महीने उम्र वाले चूहों को शामिल किया गया। परिणाम में साफ देखा गया कि बुजुर्ग चूहों में ट्यूमर का विकास युवा चूहों की तुलना में 2–3 गुना कम था।
कैंसर का खतरा क्यों घटता है?
स्टडी के अनुसार, उम्र बढ़ने के साथ शरीर में प्राकृतिक जैविक प्रक्रियाएं विकसित हो जाती हैं जो म्यूटेशन से ट्यूमर बनने को रोकती हैं। इसका मतलब यह है कि उम्र के साथ कैंसर पैदा करने वाले म्यूटेशन बढ़ने के बावजूद बुजुर्ग शरीर में ये म्यूटेशन कैंसर में बदलने से रुक जाते हैं। रिसर्च में यह भी पाया गया कि ट्यूमर सप्रेसर जीन बुजुर्ग चूहों में ज्यादा सक्रिय रहते हैं, जबकि युवा चूहों में यह जल्दी निष्क्रिय हो जाते हैं। इससे बुजुर्गों में कैंसर बनने की संभावना कम हो जाती है। रिसर्चर्स का मानना है कि यह खोज भविष्य में कैंसर की रोकथाम और इलाज के नए रास्ते खोल सकती है।
कैंसर की रोकथाम को लेकर WHO की जानकारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के अनुसार, लगभग 30–35 प्रतिशत कैंसर के मामले पूरी तरह से रोके जा सकते हैं। इसके मुख्य कारणों में तंबाकू, शराब, हेपेटाइटिस, HPV जैसे संक्रमण शामिल हैं। इसके अलावा खराब डाइट, मोटापा, वायु प्रदूषण, रेडिएशन और कार्सिनोजेन्स जैसी प्राकृतिक या पर्यावरणीय वजहें भी कैंसर के जोखिम को बढ़ाती हैं।