Edited By Radhika,Updated: 07 Oct, 2025 01:13 PM

एक नई रिपोर्ट के अनुसार RBI आने वाले महीनों में एक और रेपो रेट कटौती कर सकता है, क्योंकि देश में महंगाई की उम्मीदें तेजी से गिरी हैं। Bank of Baroda द्वारा संकलित आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही RBI ने रेपो दर को 5.5 % पर...
नेशनल डेस्क: एक नई रिपोर्ट के अनुसार RBI आने वाले महीनों में एक और रेपो रेट कटौती कर सकता है, क्योंकि देश में महंगाई की उम्मीदें तेजी से गिरी हैं। Bank of Baroda द्वारा संकलित आंकड़ों पर आधारित रिपोर्ट में कहा गया है कि भले ही RBI ने रेपो दर को 5.5 % पर अपरिवर्तित रखा है, फिर भी आर्थिक विकास को समर्थन देने के लिए दरों में और कटौती की गुंजाइश बाकी है।
विकास को बढ़ावा देंगे ये दो फैक्टर
रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि चालू तिमाही में भारत की आर्थिक वृद्धि को गति देने में GST दरों में कटौती और त्योहारी सीजन में होने वाला खर्च एक बड़ी भूमिका निभाएगा। इन कारकों से खपत को मजबूत बढ़ावा मिलने और वैश्विक चुनौतियों के असर को कम करने की उम्मीद है।
खपत में बड़ा उछाल: बैंक ऑफ बड़ौदा ने अनुमान लगाया है कि जीएसटी दर कटौती और त्योहारी खर्च के संयोजन से कुल खपत में ₹12 लाख करोड़ से ₹14 लाख करोड़ तक की वृद्धि हो सकती है, जिसका एक बड़ा हिस्सा शादी-संबंधी खर्चों से आएगा।

RBI ने बढ़ाया ग्रोथ का अनुमान
Monthly Economic Buffet रिपोर्ट के अनुसार मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने नीतिगत रुख को तटस्थ बनाए रखा है। RBI ने FY26 के लिए भारत के विकास अनुमान को पहले के 6.5 % से बढ़ाकर 6.8 % कर दिया है—जो वित्त वर्ष की पहली छमाही में बेहतर प्रदर्शन को दर्शाता है। इसके विपरीत FY26 के लिए महंगाई के अनुमान को पहले के 3.1 % से घटाकर 2.6 % कर दिया गया है।
High-frequency indicators में मिला-जुला रुख
रिपोर्ट में बताया गया कि कुछ High-frequency indicators जैसे हवाई यात्री यातायात, बंदरगाह कार्गो आवाजाही और रेल माल ढुलाई में थोड़ी नरमी आई है, जो गति में हल्की कमी का संकेत है। डीजल की खपत, सरकारी खर्च और बैंक ऋण वृद्धि में सुधार दर्ज किया गया है। बैंक ऑफ बड़ौदा ने इस बात पर ज़ोर दिया कि मजबूत घरेलू खपत के कारण भारत लगातार दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था बना हुआ है।