Edited By rajesh kumar,Updated: 09 Feb, 2023 04:20 PM

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए समर्पण के साथ काम किया होता, तो हमें उनके कल्याण के लिए इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती।
नेशनल डेस्क: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्यसभा में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव का जवाब देते हुए कहा कि अगर कांग्रेस ने आदिवासियों के लिए समर्पण के साथ काम किया होता, तो हमें उनके कल्याण के लिए इतनी मेहनत नहीं करनी पड़ती। पीएम मोदी ने कहा कि भारत के स्वतंत्रता संग्राम में आदिवासियों का योगदान स्वर्णाक्षरों में लिखा गया है।
उन्होंने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा, "लेकिन दशकों तक हमारे आदिवासी विकास से वंचित रहे और विश्वास का पुल कभी नहीं बन सका।" प्रधानमंत्री ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में आदिवासियों के लिए एक अलग मंत्रालय का गठन किया गया था।2014 से पहले आदिवासी परिवारों को 14 लाख भूमि के पट्टे दिए गए थे, जबकि हमने पिछले कुछ वर्षों में 7 लाख से अधिक पट्टे दिए हैं। हमने आदिवासी बच्चों के लिए 500 नए एकलव्य विद्यालय स्वीकृत किए हैं। तीन करोड़ से अधिक आदिवासी इससे सीधे लाभान्वित हुए हैं।"
कुछ सांसद सदन को बदनाम कर रहे
जैसे ही पीएम मोदी ने राज्यसभा में अपना जवाब शुरू किया, विपक्षी सांसदों ने "मोदी-अडानी भाई-भाई" के नारे लगाने शुरू कर दिए। विपक्षी सांसदों पर पलटवार करते हुए पीएम मोदी ने कहा, "इस सदन में जो कहा जाता है उसे देश ध्यान से सुनता है। कुछ सांसद सदन को बदनाम कर रहे हैं।" पीएम मोदी ने कांग्रेस अध्यक्ष पर तंज कसते हुए कहा, "(मल्लिकार्जुन) खड़गे जी शिकायत करते हैं कि मैं कालाबुरगी जाता हूं।
उन्हें वहां किए गए काम को देखना चाहिए। कर्नाटक में 1.70 करोड़ से अधिक जन धन बैंक खाते खोले गए हैं, जिनमें 8 लाख से अधिक खाते हैं।" कालाबुरागी में इतने सारे लोग सशक्त हो रहे हैं, जबकि किसी का खाता बंद हो रहा है, मैं दर्द को समझ सकता हूं।" पीएम मोदी ने कहा कि वे (कांग्रेस) 'गरीबी हटाओ' कहते थे, लेकिन चार दशकों से अधिक समय तक कुछ नहीं किया। जबकि हम देश के लोगों की उम्मीदों और आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए कड़ी मेहनत करते हैं।