Edited By Seema Sharma,Updated: 22 Nov, 2019 12:44 PM
महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। सरकार गठन को लेकर बनने वाली रूपरेखा और साझा न्यूनतम कार्यक्रम से जुड़े बिंदुओं को अंतिम रूप देने के मकसद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल...
मुंबई: महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन का रास्ता साफ होता नजर आ रहा है। सरकार गठन को लेकर बनने वाली रूपरेखा और साझा न्यूनतम कार्यक्रम से जुड़े बिंदुओं को अंतिम रूप देने के मकसद से कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अहमद पटेल, मल्लिकार्जुन खड़गे और केसी वेणुगोपाल शुक्रवार दोपहर मुंबई पहुंचेंगे। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने कांग्रेसी नेताओं को मुंबई जाने क कहा है। आज कांग्रेस-एनसीपी की शिवसेना के साथ बैठक होगी, जिसमें गठबंधन पर फाइनल मुहर लग सकती है। बैठक के बाद ही गठबंधन का ऐलान किया जाएगा।
राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने कहा कि आज मुंबई में ही इस बारे में विचार होगा कि नई सरकार का क्या स्वरूप होगा। वहीं उद्धव ठाकरे को सीएम बनाने की चर्चा थी लेकिन सूत्रों के मुताबिक वे इसके लिए तैयार नहीं हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस और एनसीपी के डिप्टी सीएम होंगे। शिवसेना के सांसद संजय राउत ने कहा कि शिवसेना को भगवान इंद्र के सिंहासन का प्रस्ताव मिले तब भी वह भाजपा के साथ नहीं आएगी। राउत ने संवाददाताओं से कहा कि कांग्रेस और राकांपा के साथ वाला त्रिदलीय गठबंधन जब सत्ता में आएगा तब महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री का पद उनकी पार्टी को ही मिलेगा। अटकलें थी कि भाजपा मुख्यमंत्री पद शिवसेना के साथ साझा करने को तैयार है।
इस बारे में सवाल पर राउत ने कहा, ‘‘प्रस्तावों के लिए वक्त अब खत्म हो चुका है। महाराष्ट्र की जनता शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे को मुख्यमंत्री बनते देखना चाहती है।'' यह पूछे जाने पर क्या तीनों गैर भाजपा दल शुक्रवार को राज्यपाल से मुलाकात करेंगे, इस पर राउत ने कहा, ‘‘जब राष्ट्रपति शासन लगा हुआ है तो ऐसे में राज्यपाल से मुलाकात क्यों करेंगे।'' कांग्रेस-एनसीपी और शिवसेना की सरकार बनने की खबर के बीच शिवसेना नेता संजय राउत ने शुक्रवार को फिर से ट्वीट किया कि कभी-कभी कुछ रिश्तों से बाहर आ जाना ही अच्छा है, अहंकार के लिए नहीं स्वाभिमान के लिए।
बता दें कि गत 24 अक्तूबर को महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद से सरकार गठन को लेकर लगातार असमंजस की स्थिति बनी हुई है। चुनाव में भाजपा-शिवसेना गठबंधन को बहुमत मिला था लेकिन ढाई साल के लिए मुख्यमंत्री पद पर शिवसेना के दावे के बाद दोनों के रास्ते अलग हो गए। इस चुनाव में भाजपा और शिवसेना ने क्रमश: 105 और 56 सीटों पर जीत दर्ज की जबकि कांग्रेस और राकांपा ने क्रमश: 44 और 54 सीटें हासिल कीं।