Edited By vasudha,Updated: 27 Mar, 2021 12:38 PM
पहले चरण के मतदान के बीच एक बार फिर पश्चिम बंगाल में तनाव की स्थिती पैदा हो गई। जहां मतदान से कुछ घंटे पहले पुरुलिया जिले के बंदवान में चुनाव ड्यूटी के लिये किराये पर लिये गए एक वाहन को आग लगा दी गई तो वहीं पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेगमपुर इलाके...
नेशनल डेस्क: पहले चरण के मतदान के बीच एक बार फिर पश्चिम बंगाल में तनाव की स्थिती पैदा हो गई। जहां मतदान से कुछ घंटे पहले पुरुलिया जिले के बंदवान में चुनाव ड्यूटी के लिये किराये पर लिये गए एक वाहन को आग लगा दी गई तो वहीं पश्चिम मेदिनीपुर जिले के बेगमपुर इलाके में एक व्यक्ति मृत पाया गया, जिसकी पहचान मंगल सोरेन के रूप में हुई है। भाजपा ने दावा किया कि सोरेन उनका समर्थक था और टीएमसी के ‘‘गुंडों'' ने कथित तौर पर उसकी हत्या की। हालांकि सत्तारूढ़ पार्टी ने इस आरोप को खारिज किया है।
टीएमसी समर्थकों ने किया सुशांत घोष का घेराव
स्थानीय भाजपा नेता बबलू बराम ने आरोप लगाया कि टीएमसी मतदान के दौरान इलाके में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रही है इसलिए उन्होंने मंगल की हत्या की। बहरहाल, जिला प्रशासन ने निर्वाचन आयोग को दी अपनी रिपोर्ट में कहा कि मौत का चुनाव से कोई संबंध नहीं है। अधिकारियों ने बताया कि इलाके में केंद्रीय बलों के एक बड़े दल को तैनात किया गया है। पुलिस ने बताया कि इसी जिले के सालबोनी इलाके में टीएमसी समर्थकों ने माकपा उम्मीदवार सुशांत घोष से कथित तौर पर हाथापाई की और उनके वाहन पर पथराव किया। प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि जैसे ही घोष सालबोनी बाजार पहुंचे तो कुछ टीएमसी समर्थकों ने उनका घेराव कर लिया और उनसे हाथापाई की। इसके बाद उन्होंने घोष की कार पर भी हमला किया।
हाथापाई के आरोप में तीन लोग गिरफ्तार
इलाके में तैनात पुलिस कर्मियों ने उन्हें बचाया और सुरक्षित निकाल कर ले गए। वाम मोर्चा सरकार में मंत्री रहे घोष ने कहा कि यह लोकतंत्र पर हमला है। जंगल राज चल रहा है।' घटना की रिपोर्टिंग कर रहे कुछ पत्रकारों से भी हाथापाई की गई। चुनाव आयोग के एक अधिकारी ने बताया कि घटना के संबंध में तीन लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जिला प्रशासन से एक रिपोर्ट मांगी गई है। टीएमसी ने इसमें किसी भी तरह की संलिप्तता से इनकार किया है। इससे पहले घोष की इलाके में एक मतदान केंद्र पर टीएमसी नेताओं से नोंकझोंक भी हो गई थी क्योंकि वहां से माकपा के पोलिंग एजेंट को कथित तौर पर हटा दिया गया था।
टीएमसी ने लगाया ईवीएम में गड़बड़ी आरोप
मतदान शुरू होने से पहले ही कई मतदान केंद्रों के बाहर लंबी कतारें देखी गई। लोग गर्मी और बाद में हिंसा की किसी आशंका से बचने के लिए सुबह-सुबह ही मतदान के लिए पहुंचे। वहीं तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि पार्टी का एक प्रतिनिधिमंडल कई मतदान केंद्रों पर ईवीएम में गड़बड़ी को लेकर दोपहर 12 बजे निर्वाचन आयोग के अधिकारी से मुलाकात करेगा। पूर्व मेदिनीपुर में कांठी दक्षिण सीट पर मतदाताओं ने इस मुद्दे पर एक मतदान केंद्र के बाहर प्रदर्शन किया। कोरोना वायरस के फिर से फैलने के बावजूद ज्यादातर मतदाताओं और राजनीतिक दलों के कार्यकर्ताओं को बिना मास्क लगाए देखा गया। कुछ मतदान केंद्रों पर मतदाताओं को मास्क दिए गए जबकि ज्यादातर जगहों पर सैनिटाइजर और पॉलिथीन दस्ताने दिए गए।
191 उम्मीदवारों के भाग्य का आज होगा फैसला
विभिन्न राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को पोलिंग एजेंटों को प्रोत्साहित करने और आखिरी वक्त में मतदाताओं तक पहुंचने के लिए मतदान केंद्रों पर आते देखा गया। ईसी अधिकारी ने कहा कि कुल मिलाकर अभी तक हालात शांतिपूर्ण हैं।'' एक अधिकारी ने बताया कि शुक्रवार रात को पताशपुर पुलिस थाने के प्रभारी अधिकारी दीपक चक्रवर्ती और अर्द्धसैन्य बल का एक कर्मी बम हमले में उस समय घायल हो गए जब वे इलाके में गश्त दे रहे थे। उन्होंने बताया कि उनका एग्रा अस्पताल में इलाज चल रहा है और उनकी हालत स्थिर बताई जा रही है। इन 30 सीटों पर 73 लाख से अधिक मतदाता 191 उम्मीदवारों के भाग्य का फैसला करेंगे। अधिकारियों ने बताया कि मतदान शाम छह बजे तक चलेगा और कड़ी सुरक्षा के बीच मतदान कराया जा रहा है। निर्वाचन आयोग ने 7,061 परिसरों में बनाए 10,288 मतदान केंद्रों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय बलों की करीब 730 टुकड़ियों को तैनात किया है।