Wedding Season: ब्राइडल मेकअप से लेकर घोड़ी की सवारी तक सस्ती हुई शादी! जानें कहां-कहां बचेंगे आपके पैसे

Edited By Updated: 16 Sep, 2025 03:01 PM

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शादी के मौसम में यह बदलाव वर-वधू पक्ष दोनों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। अब शादी समारोहों में लगने वाले खर्चों में कटौती होने से परिवारों को लाखों रुपए तक की बचत होगी। बीते 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने रोजमर्रा के...

नेशनल डेस्क: इस बार सरकार ने जीएसटी में बड़ी राहत देकर त्योहारों और शादी के सीजन में आम जनता के बजट को आराम दिया है। 22 सितंबर से लागू होने वाली नई जीएसटी दरों में कटौती से न सिर्फ आम वस्तुओं के दाम कम होंगे, बल्कि इस फैसले का सीधा फायदा विवाह समारोहों में होने वाले खर्चों पर भी पड़ेगा। खासकर बाइक, कार जैसे बड़े खरीदी आइटम्स के दामों में भी भारी कमी आई है, जिससे खरीदारों की जेब पर बड़ा असर पड़ेगा।

शादी के मौसम में यह बदलाव वर-वधू पक्ष दोनों के लिए एक बड़ी राहत लेकर आया है। अब शादी समारोहों में लगने वाले खर्चों में कटौती होने से परिवारों को लाखों रुपए तक की बचत होगी। बीते 3 सितंबर को हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में सरकार ने रोजमर्रा के खाने-पीने की वस्तुओं समेत कई आवश्यक सामानों पर टैक्स दरों में भारी कमी की घोषणा की है। आटे, दाल, चावल जैसी बुनियादी खाद्य सामग्री पर भी जीएसटी 18% से घटाकर 5% कर दी गई है, जिससे घरेलू बजट पर सकारात्मक असर पड़ेगा।

घोड़ी की सवारी पर लगने वाला टैक्स 12% से घटाकर 5%
यह राहत केवल खाद्य सामग्री तक सीमित नहीं है, बल्कि शादी समारोह के खर्चों को भी प्रभावित करेगी। अब घोड़ी की सवारी पर लगने वाला टैक्स 12% से घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे विवाह में घोड़ी चढ़ाने का खर्च काफी कम होगा। साथ ही होटल के कमरों के किराए (जो 1,001 से 7,500 रुपये प्रति दिन के बीच होते हैं) पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे मेहमानों की व्यवस्था और ठहरने का खर्च कम होगा।

सैलून, पार्लर, स्पा पर भी टैक्स दरों में भारी कमी
सौंदर्य और वेलनेस सेवाओं जैसे सैलून, पार्लर, स्पा और आयुर्वेदिक मसाज सेंटर पर भी टैक्स दरों में भारी कमी आई है, जो खासकर ब्राइडल मेकअप के खर्च को कम करने में मदद करेगी। इसके अलावा संगीत वाद्ययंत्रों पर भी टैक्स घटाकर 5% कर दिया गया है, जिससे तबला, मृदंगम, वीणा, सितार, शहनाई, ढोलक जैसे वाद्ययंत्रों की किराए की दरों में भी कमी आएगी। इससे सांस्कृतिक और पारंपरिक आयोजनों में भी खर्च कम होगा।

इस बदलाव से न सिर्फ त्योहारों और शादी के सीजन में बल्कि रोजमर्रा की ज़िन्दगी में भी आम जनता को राहत मिलेगी। सरकार का यह कदम भारतीय परिवारों के लिए बड़ी आर्थिक सहूलियत लेकर आया है, जिससे त्योहारों का जश्न और भी रंगीन और खर्चा-कुशल बन सकेगा।

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