मरने के बाद आपके Facebook, Google और WhatsApp का क्या होगा? जानिए क्या है ‘डिजिटल विरासत’ और क्यों है ये जरूरी

Edited By Ashutosh Chaubey,Updated: 27 May, 2025 08:15 PM

what will happen to your facebook google and whatsapp after you die

दुनिया तेजी से डिजिटल होती जा रही है। अब हमारी यादें, दस्तावेज़, बातचीत और फोटो—all कुछ इंटरनेट पर हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है अगर कोई इंसान इस दुनिया से चला जाए तो उसके डिजिटल अकाउंट्स और डेटा का क्या होता है?

नेशनल डेस्क: दुनिया तेजी से डिजिटल होती जा रही है। अब हमारी यादें, दस्तावेज़, बातचीत और फोटो—all कुछ इंटरनेट पर हैं। ऐसे में एक बड़ा सवाल उठता है—अगर कोई इंसान इस दुनिया से चला जाए तो उसके डिजिटल अकाउंट्स और डेटा का क्या होता है? क्या परिवार वाले उस तक पहुंच सकते हैं? इसका जवाब है—‘डिजिटल विरासत’। आइए आसान भाषा में समझते हैं कि मरने के बाद आपकी डिजिटल जिंदगी का क्या होता है और क्यों अभी से इसकी प्लानिंग जरूरी है।

क्या होती है डिजिटल विरासत?

डिजिटल विरासत यानी वो सभी डिजिटल चीज़ें जो कोई व्यक्ति अपने जीवन में बनाता है या इस्तेमाल करता है और उसके जाने के बाद भी मौजूद रहती हैं। इसे दो हिस्सों में बांटा जा सकता है:

1. डिजिटल संपत्ति (Digital Assets)

ऐसे डिजिटल संसाधन जिनका आर्थिक मूल्य होता है। जैसे:

2. डिजिटल उपस्थिति (Digital Presence)

ऐसे डेटा और जानकारी जिनका भावनात्मक या निजी महत्व होता है। जैसे:

  • सोशल मीडिया अकाउंट्स (Facebook, Instagram, WhatsApp)

  • तस्वीरें और वीडियो

  • ईमेल्स, क्लाउड डेटा और चैट्स

  • हेल्थ ऐप का डेटा, लोकेशन हिस्ट्री और सर्च पैटर्न

क्यों जरूरी है डिजिटल विरासत की प्लानिंग?

हम जब संपत्ति के लिए वसीयत (will) बनाते हैं, वैसे ही डिजिटल संपत्ति के लिए भी तैयारी ज़रूरी है। इसके बिना:

  • परिजन आपकी यादों तक नहीं पहुंच पाएंगे।

  • आपके सोशल मीडिया अकाउंट्स या ऑनलाइन बिज़नेस वर्षों तक यूं ही एक्टिव रह सकते हैं।

  • बैंक या क्रिप्टो अकाउंट्स तक कोई पहुंच नहीं पाएगा।

कैसे बनाएं डिजिटल विरासत की योजना?

1. डिजिटल अकाउंट्स की सूची बनाएं

आपके पास कितने ऑनलाइन अकाउंट्स हैं, उनकी लिस्ट बनाएं—सोशल मीडिया, बैंकिंग, ईमेल, फोटोज़ आदि।

2. यूज़रनेम और पासवर्ड करें सुरक्षित

इनकी जानकारी पासवर्ड मैनेजर में सेव करें, जैसे LastPass या 1Password।

3. निर्धारित करें कि क्या रखना है और क्या हटाना

फैसला करें कि कौन सा डेटा शेयर किया जाए, कौन सा डिलीट हो और किसे पब्लिक किया जा सकता है।

4. एक डिजिटल एक्जीक्यूटर नियुक्त करें

कोई ऐसा भरोसेमंद व्यक्ति तय करें जो आपकी डिजिटल इच्छा पूरी कर सके।

5. कानूनी सहायता लें

डिजिटल वसीयत बनाते समय वकील की सलाह लें ताकि कोई कानूनी बाधा न आए।

6. Legacy Settings का करें उपयोग

  • Facebook: Legacy Contact तय कर सकते हैं।

  • Google: Inactive Account Manager के जरिए आप तय कर सकते हैं कि अकाउंट एक्टिव न होने पर क्या किया जाए।

  • Apple ID: Digital Legacy फीचर के जरिए आप किसी को Access Key दे सकते हैं।

अगर कोई प्लान नहीं बनाया गया तो क्या होगा?

अगर आप डिजिटल विरासत की योजना नहीं बनाते हैं तो परिजनों को बड़ी परेशानी हो सकती है।

  • कई बार कंपनियों के नियम इतने सख्त होते हैं कि मृत्यु के बाद अकाउंट्स डिलीट कराने या डेटा निकालने के लिए कानूनी दस्तावेज़ जैसे डेथ सर्टिफिकेट, कोर्ट ऑर्डर आदि की ज़रूरत पड़ती है।

  • कई परिवार वर्षों तक सोशल मीडिया अकाउंट्स के पासवर्ड ढूंढ़ते रहते हैं।

अब यह केवल टेक्नोलॉजी का मामला नहीं रह गया है। डिजिटल विरासत से जुड़ी जानकारी में आपकी जिंदगी की कहानियां, रिश्ते, यादें और कई अनमोल क्षण शामिल होते हैं। इन्हें संरक्षित रखना आपके अपनों के लिए बहुत मायने रखता है।

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