Edited By Rohini Oberoi,Updated: 29 Oct, 2025 12:08 PM

देश भर के लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार यह आयोग अगले 18...
नेशनल डेस्क। देश भर के लगभग 50 लाख सरकारी कर्मचारियों और 69 लाख पेंशनभोगियों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। केंद्र सरकार ने आधिकारिक तौर पर 8वें वेतन आयोग (8th Pay Commission) को मंजूरी दे दी है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के अनुसार यह आयोग अगले 18 महीनों के भीतर अपनी सिफारिशें प्रस्तुत करेगा और नया वेतनमान 1 जनवरी 2026 से लागू होने की उम्मीद है।
आठवां वेतन आयोग क्या है और इसका उद्देश्य क्या है?
8वां वेतन आयोग केंद्र सरकार के कर्मचारियों और सेवानिवृत्त कर्मचारियों के वेतन, भत्तों (Allowances), और पेंशन की समीक्षा करने की जिम्मेदारी रखता है। यह आयोग 2016 से लागू सातवें वेतन आयोग की जगह लेगा। इसका मुख्य उद्देश्य कर्मचारियों के वेतन को महंगाई (Inflation), जीवन यापन की लागत (Cost of Living) और वर्तमान आर्थिक वास्तविकताओं के अनुरूप लाना है जिससे कर्मचारियों को बेहतर आर्थिक सुरक्षा मिल सके।

कितना हो सकता है वेतन में इजाफा?
हालांकि आयोग का औपचारिक रूप से अभी गठन नहीं हुआ है लेकिन कर्मचारियों को वेतन में अच्छी खासी वृद्धि की उम्मीद है। उम्मीद है कि न्यूनतम मूल वेतन ₹18,000 से बढ़कर ₹44,000 हो सकता है। इस आयोग के तहत 2.46 का फिटमेंट फैक्टर अनुमानित है। इसका मतलब है कि नया वेतन वर्तमान मूल वेतन का लगभग ढाई गुना (2.5 times) होगा।
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लागू होने में देरी हुई तो क्या होगा?
कर्मचारियों को इस बात से घबराने की ज़रूरत नहीं है कि कार्यान्वयन में देरी होगी। सरकार ने इसके लिए भी प्रावधान किया है। यदि वेतन आयोग की सिफारिशें लागू होने में 6 महीने की देरी होती है तो सरकार कर्मचारियों को बकाया राशि का एकमुश्त भुगतान करेगी। मान लीजिए कि नए ढांचे के तहत मूल वेतन में प्रति माह ₹26,000 की वृद्धि होती है। अगर 6 महीने की देरी होती है तो कर्मचारियों को एक साथ ₹1,56,000 (₹26,000 x 6) की बकाया राशि का भुगतान किया जाएगा।