Edited By Harman Kaur,Updated: 29 Jul, 2025 02:22 PM

आयकर विभाग द्वारा इस वर्ष मई के अंत में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया था। विभाग ने यह फैसला ITR फॉर्म में किए गए संरचनात्मक बदलावों और तकनीकी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए लिया था।
नेशनल डेस्क: आयकर विभाग द्वारा इस वर्ष मई के अंत में आयकर रिटर्न (ITR) दाखिल करने की अंतिम तिथि को 31 जुलाई से बढ़ाकर 15 सितंबर 2025 कर दिया गया था। विभाग ने यह फैसला ITR फॉर्म में किए गए संरचनात्मक बदलावों और तकनीकी तैयारियों को ध्यान में रखते हुए लिया था।
अब जबकि 15 सितंबर की डेडलाइन को केवल 50 दिन शेष हैं, टैक्स विशेषज्ञों का मानना है कि परिस्थितियों को देखते हुए सरकार समयसीमा को और आगे बढ़ा सकती है। प्रमुख कारण है ITR-5, ITR-6 और ITR-7 के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन यूटिलिटी का अब तक जारी न होना।
टैक्स सीज़न की धीमी शुरुआत
सरकार ने इस बार मई के अंतिम सप्ताह में ITR फॉर्म्स जारी किए, जिनमें कई नए बदलाव शामिल थे। इसके बाद एक्सेल आधारित यूटिलिटीज धीरे-धीरे जारी की गईं, लेकिन ITR-3 के लिए ऑनलाइन विकल्प अब भी उपलब्ध नहीं है। वहीं, ITR-5, 6 और 7 की यूटिलिटीज फिलहाल जारी नहीं की गई हैं, जिससे लाखों टैक्सपेयर्स फाइलिंग शुरू नहीं कर पाए हैं।
विशेषज्ञों की चेतावनी: समय कम, यूटिलिटी नहीं
टैक्स विशेषज्ञ का कहना है कि इस बार अनुपालन का समय सीमित है, क्योंकि अधिकांश फॉर्म्स के लिए आवश्यक यूटिलिटी अभी उपलब्ध नहीं है। उन्होंने कहा कि भले ही भविष्य में समय सीमा बढ़ाई जाए, लेकिन जब तक CBDT (केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड) की ओर से आधिकारिक अधिसूचना नहीं आती, तब तक 15 सितंबर को अंतिम तिथि मानकर चलना होगा। इससे पहले भी CBDT ने तकनीकी या प्रशासनिक कारणों से फाइलिंग डेडलाइन को आगे बढ़ाया है। इसलिए यह संभावना जरूर है, लेकिन फिलहाल इस पर कोई निश्चित टिप्पणी नहीं की जा सकती। अभी तक ITR-3 केवल एक्सेल आधारित फॉर्मेट में उपलब्ध है और JSON आधारित ऑनलाइन सुविधा लंबित है। ऐसे में कंपनियों, ट्रस्टों और पार्टनरशिप फर्म्स जैसे टैक्सपेयर्स के लिए अनुपालन में देरी स्वाभाविक है।