Edited By rajesh kumar,Updated: 04 Sep, 2021 09:01 PM

वैसे तो डाक्टर को ईश्वर का दर्जा दिया जाता और कई डाक्टर अपने पेशे में इतने परिपक्व होते हैं कि वह लोगों का इलाज करने को अपना पहला धर्म मानते हैं परन्तु कुछ लोग ने इस पेशे को सिर्फ पैसा कमाने का साधन बना कर लोगों का शोषण करने का काम शुरू कर रखा है।
फरीदकोट : वैसे तो डाक्टर को ईश्वर का दर्जा दिया जाता और कई डाक्टर अपने पेशे में इतने परिपक्व होते हैं कि वह लोगों का इलाज करने को अपना पहला धर्म मानते हैं परन्तु कुछ लोग ने इस पेशे को सिर्फ पैसा कमाने का साधन बना कर लोगों का शोषण करने का काम शुरू कर रखा है। शहर में ऐसा ही एक मामला सामने आया है। यहां के सिविल अस्पताल में तैनात एक महिला डाक्टर की तरफ से एक निजी अस्पताल में एक औरत का पथरी का आप्रेशन किया गया और लापरवाही बरतते हुए पट्टी मरीज़ के जख्म के अंदर रह गई और जख्म को सही ढंग के साथ टांके भी नहीं लगाए गए।
जब मरीज़ को बाद में तकलीफ़ होने लगी तो उन्होंने किसी दूसरे डाक्टर को चैक करवाया तो पता चला कि आप्रेशन करने वाले डाक्टर की कथित लापरवाही कारण जख्म में इन्फैक्शन फैल गया है और एक पट्टी भी जख्म के अंदर ही है। जब पीड़ित परिवार ने इस सम्बन्धित आप्रेशन करने वाली लेडीज डाक्टर के साथ फोन पर संपर्क किया तो आगे से पीड़ित परिवार को यह कह दिया गया कि आपको कपड़े सीने आते हैं और इस पर बड़ी सी सुई ले कर खुद ही टांके लगा लो, जोकि पीड़ित परिवार के मोबाइल में रिकार्ड हो गई। अब पीड़ित परिवार की तरफ से सिविल सर्जन फरीदकोट को लिखित शिकायत देकर डाक्टर खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।
पीड़ित महिला ने यह भी बताया कि डाक्टर ने उनसे पहले 20000 हज़ार रुपए में आप्रेशन करने को कहा था परन्तु बाद में उनसे और पैसों की मांग करने लगी। उन्होंने बताया कि 5000 रुपए और उक्त डाक्टर को दिए परन्तु इनका सही इलाज नहीं किया। उन्होंने सिविल सर्जन फरीदकोट को शिकायत भेजी है कि उक्त डाक्टर खिलाफ बनती कार्यवाही की जाए और उन्हें इन्साफ दिलाया जाए।
इस पूरे मामले सम्बन्धित जब सिविल सर्जन फरीदकोट डा. संजय कपूर के साथ बात की गई तो उन्होंने कहा कि उनके पास एक शिकायत आई है जिसके आधार पर उन्होंने 3 सदस्य वाली डाक्टरों की टीम गठन कर दिया है और जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उस मुताबिक बनती कार्यवाही की जाएगी।