न्यायिक सेवा अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश में हस्तक्षेप करने से दिल्ली उच्च न्यायालय का इनकार

Edited By PTI News Agency,Updated: 25 Mar, 2023 10:16 AM

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नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा (डीएचजेएस) के एक अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसने विदेश यात्रा के लिए किसी अजनबी से होटल बुकिंग स्वीकार की थी।

नयी दिल्ली, 24 मार्च (भाषा) दिल्ली उच्च न्यायालय ने दिल्ली उच्चतर न्यायिक सेवा (डीएचजेएस) के एक अधिकारी की बर्खास्तगी के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है, जिसने विदेश यात्रा के लिए किसी अजनबी से होटल बुकिंग स्वीकार की थी।
न्यायमूर्ति मनमोहन और न्यायमूर्ति सौरभ बनर्जी की पीठ ने कहा कि दंड कम करने का कोई आधार नहीं है। न्यायिक अधिकारी के पद पर आसीन याचिकाकर्ता पर एक 'अजनबी' से एहसान के रूप में धन स्वीकार करने का आरोप ' अपने आप में "गंभीर" है, लिहाजा याचिकाकर्ता को दिया गया दंड आरोप के "अनुरूप" है।

पीठ ने कहा, "याचिकाकर्ता को दी गई सजा को कम करने का कोई आधार नहीं है। यह मानते हुए कि इस अदालत के लिए हस्तक्षेप की कोई गुंजाइश नहीं है, वर्तमान याचिका कानून और/या तथ्यों के अनुसार सुनवाई योग्य नहीं है। लिहाजा तथ्यात्मक आधारों/पहलुओं पर आगे बढ़ने की कोई आवश्यकता नहीं है। वर्तमान रिट याचिका का कोई आधार नहीं है, इसलिए इसे खारिज किया जाता है।”

उच्च न्यायालय का आदेश इसकी पूर्ण पीठ के फैसले के बाद नवंबर 2021 में सेवा से बर्खास्तगी को चुनौती देने वाली डीएचजेएस के एक पर्यवेक्षक अधिकारी की याचिका पर आया है। उन्होंने बर्खास्तगी आदेश रद्द करने और जुर्माना राशि कम करने की अपील की थी।


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