Starlink की भारत में एंट्री: अब गांव-गांव पहुंचेगा हाई-स्पीड इंटरनेट, कीमत कर देगी हैरान

Edited By Updated: 10 Jun, 2025 09:40 AM

starlink gets the green signal a new era of connectivity begins

एलन मस्क की महत्वाकांक्षी सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को आखिरकार भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। यह देश के डिजिटल परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम माना जा रहा है। इस मंजूरी के साथ स्टारलिंक अब भारत में अपनी हाई-स्पीड इंटरनेट...

इंटरनेशनल डेस्क। एलन मस्क की महत्वाकांक्षी सैटेलाइट आधारित इंटरनेट सेवा स्टारलिंक को आखिरकार भारत सरकार से मंजूरी मिल गई है। यह देश के डिजिटल परिदृश्य में एक बड़ा बदलाव लाने वाला कदम माना जा रहा है। इस मंजूरी के साथ स्टारलिंक अब भारत में अपनी हाई-स्पीड इंटरनेट सेवाएं शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है जिसका सबसे अधिक लाभ देश के ग्रामीण और दूरदराज के क्षेत्रों को मिलेगा। यह पहल डिजिटल इंडिया अभियान को और मजबूती प्रदान करेगी जिसका लक्ष्य देश के हर कोने तक इंटरनेट की पहुंच सुनिश्चित करना है।


कितनी होगी कीमत और क्या मिलेगा?

भारत में स्टारलिंक डिवाइस की कीमत लगभग 33,000 रुपये होगी। ग्राहक 3,000 रुपये प्रति माह में अनलिमिटेड इंटरनेट का उपयोग कर सकेंगे। अच्छी खबर यह भी है कि नए यूजर्स को एक महीने का फ्री ट्रायल मिलेगा जिसके बाद उन्हें तय किया गया मासिक शुल्क चुकाना होगा।


क्या है स्टारलिंक?

स्टारलिंक एलन मस्क की कंपनी स्पेसएक्स द्वारा संचालित एक सैटेलाइट इंटरनेट सेवा है। यह लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में स्थित हजारों छोटे सैटेलाइट्स के एक विशाल नेटवर्क के जरिए हाई-स्पीड और लो-लेटेंसी इंटरनेट प्रदान करती है। पारंपरिक ब्रॉडबैंड सेवाएं जो अक्सर फाइबर ऑप्टिक केबल्स या मोबाइल टावरों पर निर्भर करती हैं ग्रामीण और पहाड़ी क्षेत्रों में अक्सर अपर्याप्त या अनुपलब्ध होती हैं। स्टारलिंक इन क्षेत्रों में इंटरनेट की पहुंच को बेहद आसान बना देता है क्योंकि यह सीधे सैटेलाइट के माध्यम से यूजर टर्मिनल्स तक इंटरनेट पहुंचाता है। यह सेवा 25 से 220 एमबीपीएस तक की डाउनलोड स्पीड प्रदान करने में सक्षम है जो वीडियो कॉलिंग, ऑनलाइन गेमिंग और अधिक डेटा-इंटेंसिव कार्यों के लिए बिल्कुल उपयुक्त है।

 

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भारत में मंजूरी का महत्व और चुनौतियां

भारत सरकार के दूरसंचार विभाग (DoT) ने स्टारलिंक को ग्लोबल मोबाइल पर्सनल कम्युनिकेशन बाय सैटेलाइट (GMPCS) लाइसेंस प्रदान कर दिया है। अब कंपनी भारत में अपनी सेवाएं शुरू करने के लिए अंतिम औपचारिकताओं को पूरा कर रही है। यह मंजूरी स्टारलिंक के लिए एक बड़ी जीत है खासकर तब जब 2021 में कंपनी को बिना लाइसेंस के प्री-बुकिंग शुरू करने के कारण सरकार की चेतावनी का सामना करना पड़ा था। हालांकि अब राष्ट्रीय सुरक्षा और डेटा स्थानीयकरण जैसे महत्वपूर्ण मुद्दों को संबोधित करने के बाद स्टारलिंक को भारत में अपना परिचालन शुरू करने की हरी झंडी मिल गई है।

बढ़ेगी प्रतिस्पर्धा, मिलेगा बेहतर कनेक्टिविटी

विशेषज्ञों का मानना है कि भारतीय बाजार में स्टारलिंक के आने से दूरसंचार क्षेत्र में प्रतिस्पर्धा काफी तेज हो सकती है। यह ग्रामीण क्षेत्रों, शैक्षणिक संस्थानों और दूरदराज के स्थानों में व्यवसायों के लिए महत्वपूर्ण कनेक्टिविटी समाधान उपलब्ध कराएगा जिससे देश के डिजिटल विकास को एक नई गति मिलेगी।

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