Edited By jyoti choudhary,Updated: 21 Apr, 2025 03:33 PM

भारतीय शेयर बाजारों में आज (सोमवार 21 अप्रैल) लगातार पांचवें दिन शानदार तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स जहां 1040 अंक उछला वहीं निफ्टी भी 330 अंक बढ़ा। 6 जनवरी 2025 के बाद यह पहली बार है जब निफ्टी ने 24,000 के स्तर को पार किया है। बाजार बंद होने तक...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजारों में आज (सोमवार 21 अप्रैल) लगातार पांचवें दिन शानदार तेजी देखने को मिली। सेंसेक्स जहां 1040 अंक उछला वहीं निफ्टी भी 330 अंक बढ़ा। 6 जनवरी 2025 के बाद यह पहली बार है जब निफ्टी ने 24,000 के स्तर को पार किया है। बाजार बंद होने तक सेंसेक्स 855 अंक की तेजी के साथ 79,408 के स्तर पर रहा। निफ्टी भी 273 अंक चढ़ा, ये 24,125 के लेवल पर हुआ बंद।
विदेशी निवेशकों की वापसी और बैंकों के शानदार तिमाही नतीजों के चलते निवेशकों का जोश हाई दिखा। इस तेजी से निवेशकों को 6 लाख करोड़ रुपए तक फायदा हुआ।
शेयर बाजार में तेजी के 5 बड़े कारण
1. बैंकिंग शेयरों की धमाकेदार परफॉर्मेंस
बैंक निफ्टी इंडेक्स ने 55,200 का रिकॉर्ड हाई छू लिया। ICICI Bank, HDFC Bank, IDFC First, Axis Bank और AU Small Finance Bank के शानदार नतीजों ने तेजी को बल दिया। Yes Bank का शेयर नतीजों के बाद 7% तक उछला। बेहतर NIM, वैल्यूएशन, सेविंग डिपॉजिट रेट में कटौती और स्थिर एसेट क्वालिटी के चलते निवेशकों का भरोसा बढ़ा।
2. विदेशी निवेशकों की वापसी
FPIs ने हाल ही में भारतीय बाजारों में बड़ी खरीदारी की। केवल 4 दिनों में 8,472 करोड़ रुपए की शुद्ध खरीद। 15 अप्रैल के बाद से उन्होंने 10,824 करोड़ रुपए का निवेश किया। इससे बाजार की धारणा में सुधार और विदेशी भरोसे का संकेत मिला।
3. भारत-अमेरिका व्यापार समझौते की प्रगति
दोनों देशों के बीच 19 चैप्टर्स वाले व्यापार समझौते की रूपरेखा तैयार हो चुकी है। इसमें गुड्स, सर्विसेस, इन्वेस्टमेंट, और कस्टम्स प्रक्रियाएं शामिल हैं। इससे भारतीय कारोबार और एक्सपोर्ट को सपोर्ट मिलने की उम्मीद है।
4. अमेरिका-चीन व्यापार वार्ता में नया मोड़
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने संकेत दिया कि चीन बातचीत को लेकर उत्साहित है। इससे ग्लोबल मार्केट में राहत और स्थिरता देखने को मिली।
5. भारतीय रुपए में मजबूती
भारतीय रुपया सोमवार को शुरुआती कारोबार में अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 33 पैसे बढ़कर 85.05 पर पहुंच गया। डॉलर इंडेक्स में गिरावट और विदेशी निवेशकों की ओर से ताजा पूंजी निवेश के चलते भारतीय रुपए में मजबूती आई है इसके अलावा ग्लोबल मार्केट में क्रूड ऑयल के दाम में गिरावट और मजबूत आर्थिक संकेतों के चलते भी भारतीय रुपये को सपोर्ट मिला है।