Share Market Crash: शेयर बाजार में लगातार 5वें महीने गिरावट का सिलसिला जारी, 1996 के बाद बाजार में सबसे बड़ा भूचाल

Edited By Updated: 28 Feb, 2025 10:54 AM

7 lakh crores of investors lost market in decline for the 5th consecutive month

हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में खुले। बैंकिंग और IT सेक्टर के बड़े शेयरों में गिरावट की वजह से बाजार पर दबाव बना। निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति जो...

बिजनेस डेस्कः हफ्ते के आखिरी कारोबारी दिन शुक्रवार को शेयर बाजार की शुरुआत गिरावट के साथ हुई। सेंसेक्स और निफ्टी, दोनों प्रमुख सूचकांक लाल निशान में खुले। बैंकिंग और IT सेक्टर के बड़े शेयरों में गिरावट की वजह से बाजार पर दबाव बना। निवेशक अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के नए टैरिफ बयानों पर प्रतिक्रिया दे रहे थे। साथ ही GDP के आंकड़ों का भी इंतजार था। सुबह 10.00 बजे बीएसई सेंसेक्स 1000 अंक यानी 1.34% गिरकर 73,602 पर था। Nifty50 भी 273 अंक यानी 1.21% की गिरावट के साथ 22,271 पर कारोबार कर रहा था। इस गिरावट से बीएसई लिस्टेड कंपनियों का मार्केट कैप 7.16 लाख करोड़ रुपए घटकर 385.94 लाख करोड़ रुपए रह गया। लगातार पांचवें महीने शेयर मार्केट में गिरावट आई है। 1996 के बाद यह पहला मौका है जब लगातार पांच महीने तक शेयर बाजार में गिरावट देखी गई है।

अमेरिका के बाजार में चिप बनाने वाली कंपनी Nvidia के शेयरों में गिरावट के बाद, Nifty IT इंडेक्स के शेयर शुरुआती कारोबार में 4% तक गिर गए। Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis के शेयरों में सबसे ज्यादा गिरावट देखी गई। IT कंपनियों के लिए दिन अच्छा नहीं रहा। Nifty ऑटो इंडेक्स भी 2% से ज्यादा नीचे खुला। बैंकिंग, मेटल, फार्मा, कंज्यूमर ड्यूरेबल्स और ऑयल एंड गैस सेक्टर के इंडेक्स भी 1-2% तक नीचे कारोबार कर रहे है। लगभग हर सेक्टर में गिरावट देखने को मिली। शेयर मार्केट में आज गिरावट के कई कारण हैं।

GDP आंकड़ों से पहले घबराहट

धीमी आर्थिक वृद्धि, कमजोर कमाई, ट्रंप की टैरिफ नीतियां और विदेशी निवेशकों की लगातार बिकवाली ने बेंचमार्क को सितंबर के अंत के उच्चतम स्तर से 14% नीचे खींच लिया है। इस बीच निवेशक शुक्रवार को बाजार बंद होने के बाद जारी होने वाले दिसंबर तिमाही के GDP आंकड़ों पर बारीकी से नजर रख रहे हैं। अर्थशास्त्रियों के एक पोल से पता चलता है कि भारत की अर्थव्यवस्था इस तिमाही के दौरान वापस उछाल ले सकती है।

ट्रंप के टैरिफ पर अनिश्चितता

ट्रंप ने गुरुवार को घोषणा की कि कनाडा और मेक्सिको से आयात पर 25% शुल्क 4 अप्रैल के बजाय 4 मार्च से लागू होगा। इसके अतिरिक्त उन्होंने चीनी सामानों पर 10% शुल्क लगाया और यूरोपीय संघ से शिपमेंट पर 25% टैरिफ के अपने वादे को दोहराया। व्यापार नीतियों को लेकर यह अनिश्चितता बाजार में उतार-चढ़ाव का कारण बनी है।

IT शेयरों पर दबाव

अधिकांश एशियाई बाजार शुक्रवार को गिरावट के साथ बंद हुए। MSCI Asia Ex-Japan इंडेक्स 1.21% गिर गया। यह गिरावट अमेरिकी बाजार में चिप निर्माता कंपनी Nvidia के शेयरों में भारी गिरावट के बाद आई है। Nvidia की कमाई रिपोर्ट पर निवेशकों की नकारात्मक प्रतिक्रिया के कारण प्रौद्योगिकी शेयरों पर और दबाव आया। इससे AI से चलने वाले शेयरों में बिकवाली हुई, जिसमें अन्य "Magnificent Seven" मेगा-कैप कंपनियां भी शामिल हैं। Nifty IT इंडेक्स 3.2% गिर गया, जिसमें Persistent Systems, Tech Mahindra और Mphasis शीर्ष पर रहे, जिनमें 4.5% तक की गिरावट आई।

डॉलर इंडेक्स में तेजी

अमेरिकी डॉलर प्रमुख मुद्राओं के मुकाबले कई हफ्तों के उच्चतम स्तर के करीब मंडरा रहा था क्योंकि बढ़ते व्यापार युद्ध की चिंताओं ने निवेशकों की धारणा को प्रभावित कर दिया था। अमेरिकी डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को 107.35 पर पहुंच गया। मजबूत डॉलर भारत जैसे उभरते बाजारों के लिए नकारात्मक है, क्योंकि यह विदेशी निवेश को महंगा बनाता है और इक्विटी से पूंजी बहिर्वाह की ओर ले जाता है।
 

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