Edited By jyoti choudhary,Updated: 12 Sep, 2025 04:15 PM

एक सर्वे के मुताबिक, देश के 84% सीईओ का मानना है कि भारत के सबसे अच्छे दिन अभी आने बाकी हैं। पब्लिक रिलेशंस कंसल्टेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PRCAI) और एस्ट्रम एडवाइजरी की रिपोर्ट ‘इंडियाज़ प्लेस इन द न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ में यह खुलासा हुआ है। इसमें कहा...
नई दिल्लीः एक सर्वे के मुताबिक, देश के 84% सीईओ का मानना है कि भारत के सबसे अच्छे दिन अभी आने बाकी हैं। पब्लिक रिलेशंस कंसल्टेंट्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (PRCAI) और एस्ट्रम एडवाइजरी की रिपोर्ट ‘इंडियाज़ प्लेस इन द न्यू वर्ल्ड ऑर्डर’ में यह खुलासा हुआ है। इसमें कहा गया है कि भारत की आर्थिक प्रगति और वैश्विक नेतृत्व के लिए प्रतिष्ठा (reputation) सबसे बड़ी पूंजी है।
रिपोर्ट के अनुसार, 123 सीईओ से छह शहरों में सर्वे किया गया। इनमें से 89% भारत की ग्रोथ स्टोरी पर भरोसा जता रहे हैं। वहीं, 93% का मानना है कि सरकार ने भारत की वैश्विक स्थिति को मजबूत करने में अहम भूमिका निभाई है।
सीईओ ने भारत की वैश्विक नेतृत्व क्षमता के लिए चार प्रमुख पहलुओं को अहम बताया है— क्लाइमेट रेडीनेस, भू-राजनीतिक स्थिति, डिजिटल इनोवेशन और मानव पूंजी। साथ ही, उनका मानना है कि प्रगति को वैश्विक प्रभाव में बदलने के लिए संचार और प्रतिष्ठा प्रबंधन बेहद जरूरी है।
अध्ययन में यह भी सामने आया कि 92% सीईओ मानते हैं कि भारत की ग्लोबल पोजिशनिंग मजबूत है और 54% का कहना है कि भारत रणनीतिक संचार के जरिए अपनी छवि को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत कर रहा है।
हालांकि, सीईओ ने चेतावनी भी दी है कि नीति की अनिश्चितता, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) से जुड़े खतरे और नागरिक एवं पर्यावरणीय मुद्दों पर धारणा की खाई अगर दूर नहीं की गई, तो यह वैश्विक भरोसे को कमजोर कर सकती है।
PRCAI के अध्यक्ष कुणाल किशोर ने कहा, “आज प्रतिष्ठा सिर्फ संवाद नहीं है, बल्कि यह रणनीति है—जो बोर्डरूम में विश्वास, बाजारों में साख और वैश्विक स्तर पर प्रभाव तय करती है।” वहीं, पीआरसीएआई की सीईओ दीप्ती सेठी ने कहा कि भारत विकसित भारत की ओर बढ़ते हुए “Reputation Capital” के नए युग में प्रवेश कर रहा है, जो आने वाले समय में राष्ट्रीय प्रभाव और ब्रांड वैल्यू को उसी तरह आगे बढ़ाएगा, जैसे वित्तीय पूंजी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाती है।