Edited By jyoti choudhary,Updated: 03 Nov, 2025 06:07 PM

भारतीय शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। सोमवार को घरेलू बाजार मामूली तेजी के साथ बंद हुआ लेकिन इन सब के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा एसआईपी (SIP) पर बरकरार है। आंकड़े बताते हैं कि बाजार में गिरावट के बावजूद देश के आम निवेशक...
बिजनेस डेस्कः भारतीय शेयर बाजार में लगातार उतार-चढ़ाव का दौर जारी है। सोमवार को घरेलू बाजार मामूली तेजी के साथ बंद हुआ लेकिन इन सब के बीच म्यूचुअल फंड निवेशकों का भरोसा एसआईपी (SIP) पर बरकरार है। आंकड़े बताते हैं कि बाजार में गिरावट के बावजूद देश के आम निवेशक नियमित रूप से एसआईपी में पैसा लगा रहे हैं।
5000 रुपए की SIP से बनेगा लाखों का फंड
अगर कोई निवेशक हर महीने ₹5000 की एसआईपी करता है और औसतन 12% वार्षिक रिटर्न मिलता है, तो 20 साल में यह निवेश लगभग ₹45.99 लाख तक बढ़ सकता है। वहीं अगर रिटर्न 15% सालाना रहता है, तो यही एसआईपी 20 साल में ₹66.35 लाख तक का फंड तैयार कर सकती है।
लंबे निवेश से मिलता है कंपाउंडिंग का फायदा
वित्त विशेषज्ञों का कहना है कि एसआईपी में नियमित और दीर्घकालिक निवेश करने से कंपाउंडिंग का जादू काम करता है, जिससे पूंजी तेजी से बढ़ती है। यही वजह है कि बाजार की अस्थिरता के बावजूद एसआईपी लंबे समय में धन सृजन का एक भरोसेमंद जरिया साबित होती है।
जोखिम और टैक्स पर रखें ध्यान
हालांकि, एसआईपी पूरी तरह से शेयर बाजार से जुड़ी होती है, इसलिए इसमें जोखिम बना रहता है। जब बाजार में गिरावट आती है तो रिटर्न पर असर पड़ सकता है। इसके अलावा, एसआईपी से होने वाले मुनाफे पर निवेशक को कैपिटल गेन्स टैक्स देना होता है। विशेषज्ञों की राय है कि निवेशक अपने लक्ष्यों को पाने के लिए लंबी अवधि तक निवेश जारी रखें, ताकि उतार-चढ़ाव का असर कम हो सके।