Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Jul, 2025 10:52 AM

भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा जोड़ने जा रहा है। इस नए फीचर के तहत उपयोगकर्ता अब हर बार लेनदेन के लिए पिन दर्ज करने के बजाय चेहरे की पहचान (Face ID) या उंगलियों के...
बिजनेस डेस्कः भारतीय राष्ट्रीय भुगतान निगम (NPCI) जल्द ही यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) में बायोमेट्रिक ऑथेंटिकेशन की सुविधा जोड़ने जा रहा है। इस नए फीचर के तहत उपयोगकर्ता अब हर बार लेनदेन के लिए पिन दर्ज करने के बजाय चेहरे की पहचान (Face ID) या उंगलियों के निशान (Fingerprint) से भुगतान को प्रमाणित कर सकेंगे।
यह फीचर फिलहाल समीक्षा के चरण में है और इसे लागू करने से पहले भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) और अन्य नियामकों की मंजूरी जरूरी होगी। उम्मीद है कि इसे 2025 ग्लोबल फिनटेक फेस्ट में प्रदर्शित किया जाएगा।
सूत्रों के मुताबिक, NPCI पिछले एक साल से इस टेक्नोलॉजी पर काम कर रहा है और UPI इकोसिस्टम के पार्टनर्स के साथ परीक्षण और फीडबैक साझा कर रहा है। सबसे पहले फेस रिकग्निशन को प्राथमिकता दी जाएगी, बशर्ते यूजर डिवाइस पर यह सुविधा पहले से एक्टिव हो।
शुरुआत में यह सिस्टम उपयोगकर्ता के फोन में मौजूद बायोमेट्रिक डेटा का इस्तेमाल करेगा और एक एन्क्रिप्टेड कुंजी जनरेट कर प्रेषक बैंक को भेजेगा। लेनदेन तभी पूरा होगा जब बैंक इस कुंजी को वैध मानेगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह नई व्यवस्था OTP और पिन की तुलना में कहीं अधिक सुरक्षित होगी और धोखाधड़ी की आशंका भी कम रहेगी। हालांकि, शुरुआती चरण में बायोमेट्रिक पेमेंट्स के लिए लेनदेन की राशि पर सीमा तय की जा सकती है। यह भी देखा जाएगा कि क्या अलग-अलग ऐप्स जैसे PhonePe, Google Pay, Paytm, BHIM के लिए इसे अलग से सेटअप करना होगा।