Edited By jyoti choudhary,Updated: 01 Feb, 2023 09:43 AM
मोदी सरकार आज सुबह जब अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेगी तो उसकी मंशा ‘एक साधे सब सधे’ के साथ पूरे देश को साधने की होगी। देश के हर तबके और हर जिले तक पहुंच बनाने वाली एक ही चीज है ट्रेन और सरकार इस बार के बजट में रेलवे को बड़ा तवज्जो दे...
बिजनेस डेस्कः मोदी सरकार आज सुबह जब अपने दूसरे कार्यकाल का अंतिम बजट पेश करेगी तो उसकी मंशा ‘एक साधे सब सधे’ के साथ पूरे देश को साधने की होगी। देश के हर तबके और हर जिले तक पहुंच बनाने वाली एक ही चीज है ट्रेन और सरकार इस बार के बजट में रेलवे को बड़ा तवज्जो दे सकती है। रेलवे पिछले कुछ साल में बहुत तेजी से बदला है और इसे लगातार इम्प्रूव किया जा रहा है।
देश में अब ट्रेन को लेटलतीफी का उदाहरण मानने के बाद स्पीड पर जोर दिया जा रहा है। बुलेट ट्रेन का काम चल रहा है लेकिन अभी सरकार का ज्यादा जोर वंदे भारत को देश के हर प्रमुख रूट तक पहुंचाना है। इसके अलावा सड़क मार्ग से माल ढुलाई पर हो रहे खर्च को भी कम करने पर जोर है। इसके लिए फ्रेट कॉरिडोर के काम को और तेज किया जा सकता है। इसके लिए देश के कई प्रमुख राज्यों में मालगाड़ियां दौड़ाने के लिए पटरियां बिछानी पड़ेंगी।
हल्के वैगन कोच बनाने पर जोर
रेलवे को विस्तार देने के लिए जाहिर है कि इन्फ्रा पर बहुत ज्यादा खर्च करना पड़ेगा। फ्रेट कॉरिडोर के लिए बिजली की खपत भी बढ़ानी होगी, क्योंकि लंबी दूरी की मालगाड़ियों को तेल पर चलाना घाटे का सौदा होगा यानी रेलवे के लिए बिजली के इन्फ्रा को भी तैयार करना होगा। एल्युमीनियम के कोच बनाने पर भी ज्यादा फोकस हो सकता है, क्योंकि यह लोहे के कोच से काफी हल्के होते हैं और ज्यादा वजन भी सह सकते हैं। इन्फ्रा पर इस बार 20 फीसदी तक पैसा बढ़ाने की मांग की गई है।
बजट का 20 फीसदी पैसा ले उड़ेगी ट्रेन
बजट एक्सपर्ट का कहना है कि इस बार रेलवे को बड़ी राशि मिलने की उम्मीद है। कयास लगाए जा रहे हैं कि इन्फ्रा पर खर्च बढ़ाने के लिए बजट का 20 फीसदी हिस्सा अकेले रेलवे को दिया जा सकता है। चालू वित्तवर्ष के बजट में रेलवे को 1,40,367 करोड़ रुपए दिए गए थे।