Edited By jyoti choudhary,Updated: 07 Mar, 2023 05:54 PM

भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को जानकारी दी कि यूपीआई से पेमेंट में एक साल में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 36 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है जबकि फरवरी 2022 के दौरान ये आंकड़ा 24 करोड़ था।
बिजनेस डेस्कः भारतीय रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने सोमवार को जानकारी दी कि यूपीआई से पेमेंट में एक साल में 50 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है और यह 36 करोड़ के आंकड़े को पार कर चुका है जबकि फरवरी 2022 के दौरान ये आंकड़ा 24 करोड़ था।
आरबीआई मुख्यालय में डिजिटल भुगतान जागरूकता सप्ताह की शुरुआत करते हुए गवर्नर ने जानकारी दी कि प्राइस के लिहाज से देखें तो ये लेनदेन 6.27 लाख करोड़ रुपए है, जो फरवरी 2022 में दर्ज 5.36 लाख करोड़ रुपए से 17 फीसदी ज्यादा है। गवर्नर ने ये भी कहा कि कुल मासिक डिजिटल पेमेंट ट्रांजैक्शन पिछले तीन माह से हर बार 1 हजार करोड़ रुपए के आंकड़ों को पार कर रहा है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि भारत के यूपीआई पेमेंट सिस्टम की चर्चा ग्लोबली स्तर पर हो रही है। कई देश यूपीआई पेमेंट को लेकर रुचि दिखा रहे हैं। दिसंबर 2022 के बाद हर महीने 1 हजार करोड़ के ज्यादा ट्रांजैक्शन हुए हैं। पैन इंडिया डिजिटल पेमेंट के एक सर्वे में ये पाया गया कि 42 फीसदी लोग डिजिटल पेमेंट कर रहे हैं।
UPI से पेमेंट करने वालों की संख्या भी बढ़ी
यूपीआई लेनदेन की संख्या जनवरी 2023 में 800 करोड़ से अधिक हो गई, जबकि एनईएफटी (नेशनल इलेक्ट्रॉनिक फंड ट्रांसफर) ने 28 फरवरी को 3.18 करोड़ लेनदेन की ज्यादा ट्रांजैक्शन की है। UPI को 2016 में लॉन्च किया गया था। तब से लेकर ये एक फेमस और पसंदीदा पेमेंट मोड के रूप में उभरा है।
जनवरी के दौरान के आंकड़े
यूपीआई लेनदेन की मात्रा जनवरी 2017 में 0.45 करोड़ से बढ़कर जनवरी 2023 में 804 करोड़ हो हुई है। इसी अवधि के दौरान यूपीआई लेनदेन का प्राइस केवल 1,700 करोड़ रुपए से बढ़कर 12.98 लाख करोड़ रुपए हो गया है।
शक्तिकांत दास ने कहा कि आरबीआई ने डिजिटल पेमेंट को बढ़ावा देने के लिए 75 गांवों को गोद लेगा। इन गांवों के लोगों को शामिल करके डिजिटल पेमेंट जागरूकता कार्यक्रम चलाया जाएगा। पीएसओ 75 गांवों को गोद लेंगे और उन्हें डिजिटल भुगतान सक्षम गांवों में बदल देंगे।