Edited By jyoti choudhary,Updated: 27 Oct, 2025 11:20 AM

विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) भारतीय शेयर बाजार पर जुलाई के बाद से सबसे ज्यादा बुलिश (तेजी वाला) रुख दिखा रहे हैं। यह बदलाव ऐसे समय आया है जब अक्टूबर की शुरुआत में उन्होंने रिकॉर्ड स्तर पर मंदी वाले दांव (bearish bets) लगाए थे।
मुंबई: विदेशी पोर्टफोलियो निवेशक (FPIs) भारतीय शेयर बाजार पर जुलाई के बाद से सबसे ज्यादा बुलिश (तेजी वाला) रुख दिखा रहे हैं। यह बदलाव ऐसे समय आया है जब अक्टूबर की शुरुआत में उन्होंने रिकॉर्ड स्तर पर मंदी वाले दांव (bearish bets) लगाए थे।
बीते दो हफ्तों में भारतीय इक्विटी बाजार में तेजी आने के बाद विदेशी निवेशकों ने निफ्टी फ्यूचर्स में अपनी मंदी वाली पोजीशन घटा दी है। इस तेजी ने बाजार को सितंबर 2024 में बने सर्वकालिक उच्च स्तरों के करीब पहुंचा दिया है।
शॉर्ट कवरिंग से बाजार में जोश
निफ्टी फ्यूचर्स में विदेशी निवेशकों की लॉन्ग-शॉर्ट रेशियो (जो यह दिखाती है कि कितने निवेशक बाजार में तेजी या गिरावट पर दांव लगा रहे हैं) शुक्रवार को करीब 25% पर पहुंच गई — जो 9 जुलाई के बाद सबसे ऊंचा स्तर है। इसका मतलब है कि विदेशी निवेशक अपनी शॉर्ट पोजीशन घटा रहे हैं, जिसे शॉर्ट कवरिंग कहा जाता है। मध्य जुलाई से यह अनुपात लगातार 20% से नीचे था। Elios Financial Services के हेड ऑफ इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज शम चंदक ने कहा, “पिछले हफ्ते बाजार में जो तेजी आई, वह पूरी तरह से एफआईआई की शॉर्ट कवरिंग से प्रेरित थी।”
लगातार चौथे हफ्ते बाजार में बढ़त
शेयर बाजार में तेजी के साथ-साथ विदेशी निवेशकों ने खरीदारी भी की। स्टॉक एक्सचेंज और Stockedge के आंकड़ों के अनुसार, अक्टूबर में अब तक एफपीआई ने 1,880 करोड़ रुपए के शेयर खरीदे हैं, जबकि सितंबर में उन्होंने 22,761 करोड़ रुपए की बिकवाली की थी। हालांकि, इस साल अब तक एफपीआई ने करीब 1.96 लाख करोड़ रुपए के शेयर बेचे हैं, जो एक रिकॉर्ड है और इससे रुपए व शेयरों पर दबाव पड़ा।