सितंबर में रत्न एवं आभूषण निर्यात 6.5% बढ़कर 2.9 अरब डॉलर पर

Edited By Updated: 14 Oct, 2025 05:25 PM

gems and jewellery exports rose 6 5 to 2 9 billion in september

रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने मंगलवार को कहा कि त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम में मांग बढ़ने के कारण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सितंबर में कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात 6.55 प्रतिशत बढ़कर 2,914.29 करोड़ डॉलर (25,737.50 करोड़...

मुंबईः रत्न एवं आभूषण निर्यात संवर्धन परिषद (जीजेईपीसी) ने मंगलवार को कहा कि त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम में मांग बढ़ने के कारण वैश्विक चुनौतियों के बावजूद सितंबर में कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात 6.55 प्रतिशत बढ़कर 2,914.29 करोड़ डॉलर (25,737.50 करोड़ रुपए) का हो गया। जीजेईपीसी ने एक बयान में कहा कि सितंबर, 2024 में रत्न एवं आभूषण निर्यात 2,735.26 करोड़ डॉलर (22,925.81 करोड़ रुपए) का रहा था। वित्त वर्ष 2025-26 की पहली छमाही में, कुल रत्न एवं आभूषण निर्यात में 3.66 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई और यह पिछले वित्त वर्ष की इसी अवधि के 13.60 अरब डॉलर की तुलना में 14.09 अरब डॉलर पर पहुंच गया। 

जीजेईपीसी के चेयरमैन किरीट भंसाली ने कहा, ‘‘इस वित्त वर्ष की पहली छमाही में उद्योग में सुधार के उत्साहजनक संकेत दिखाई दे रहे हैं। संयुक्त अरब अमीरात, हांगकांग और ब्रिटेन जैसे प्रमुख बाजारों में रत्न एवं आभूषण उत्पादों की मांग मजबूत हुई है और निर्यात में लगातार वृद्धि दर्ज की जा रही है। प्रवासी भारतीयों के बीच आगामी त्योहारी और शादी-ब्याह के मौसम के साथ-साथ वैश्विक बाजारों में छुट्टियों के मौसम की मांग से आने वाली तिमाही में इस सकारात्मक गति के बने रहने की उम्मीद है।'' 

हालांकि, जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्यात के लिए एक प्रमुख गंतव्य - अमेरिका - को शुल्क संबंधी कारकों के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। वर्ष 2025 की अप्रैल-सितंबर अवधि के लिए, अमेरिका को कुल निर्यात 40.28 प्रतिशत घटकर 277 करोड़ 6.6 लाख डॉलर रह गया, जबकि तराशे और पॉलिश किए हुए हीरों का निर्यात 53.62 प्रतिशत घटकर 117 करोड़ 50.9 लाख डॉलर रह गया। 

भंसाली ने कहा, ‘‘जीजेईपीसी सरकार के साथ निकट समन्वय में है क्योंकि अमेरिकी बाजार को आपूर्ति करने वाले निर्यातक और निर्माता मौजूदा शुल्क स्थिति के कारण काफी तनाव का सामना कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘हम इस क्षेत्र को स्थिर करने के लिए राहत-उन्मुख उपायों की वकालत करने के लिए सरकार के साथ सक्रिय रूप से बातचीत कर रहे हैं। मुख्य सिफारिशों में कार्यशील पूंजी ऋण पर ब्याज में छूट, खेप बाहर भेजने से पूर्व वित्त में राहत, ब्याज समानीकरण योजना का विस्तार, विशेष आर्थिक क्षेत्रों (एसईजेड) में रिवर्स जॉब वर्क की अनुमति, विशेष आर्थिक क्षेत्रों से घरेलू शुल्क क्षेत्र (डीटीए) में बिक्री की अनुमति और प्रभावित एमएसएमई के लिए नकदी सहायता पैकेज का प्रावधान शामिल है।'' 

उन्होंने कहा कि श्रमिकों के कल्याण की रक्षा एक प्रमुख प्राथमिकता है और जीजेईपीसी ने रियायती ऋण और नकदी सहायता, प्रभावित श्रमिकों के लिए व्यक्तिगत ऋणों का पुनर्गठन, प्रति बालिका 1,000 रुपए का शिक्षा अनुदान और स्वास्थ्य सेवा कवर के लिए आयुष्मान भारत के तहत अस्थायी समावेशन का भी प्रस्ताव रखा है। भंसाली ने कहा कि इन उपायों का उद्देश्य वित्तीय दबावों को कम करना और सामान्य स्थिति लौटने तक महत्वपूर्ण सामाजिक सुरक्षा प्रदान करना है। इस बीच, जीजेईपीसी के आंकड़ों के अनुसार, तराशे और पॉलिश किए हुए हीरों (सीपीडी) का कुल निर्यात सितंबर में 129 करोड़ 17.1 लाख डॉलर की तुलना में 5.91 प्रतिशत बढ़कर 136 करोड़ 80.4 लाख डॉलर (12,079.91 करोड़ रुपए) का हो गया। (पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 10,829.29 करोड़ रुपए) था। 

सितंबर में सोने के आभूषणों का कुल निर्यात 2.4 प्रतिशत बढ़कर 109.20 करोड़ डॉलर (9,646.89 करोड़ रुपए) हो गया, जबकि पिछले वर्ष की इसी अवधि में यह 106 करोड़ 63.7 लाख डॉलर (8,935.48 करोड़ रुपए) था। भंसाली ने कहा, ‘‘वैश्विक खुदरा बाजार अपनी सबसे व्यस्त तिमाही में प्रवेश कर रहे हैं, इसलिए हमें उम्मीद है कि अगले कुछ महीनों में निर्यात प्रदर्शन और मजबूत होगा।  

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