Edited By jyoti choudhary,Updated: 29 Sep, 2025 03:26 PM

लैब-में हीरे बनाने के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोना बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा दिया है। अब अमेरिका की एक फ्यूजन एनर्जी स्टार्टअप ने दावा किया है कि परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) प्रक्रिया का इस्तेमाल करके पारा (Mercury) को सोने में बदला जा सकता है।
बिजनेस डेस्कः लैब-में हीरे बनाने के बाद अब वैज्ञानिकों ने सोना बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ा दिया है। अब अमेरिका की एक फ्यूजन एनर्जी स्टार्टअप ने दावा किया है कि परमाणु संलयन (Nuclear Fusion) प्रक्रिया का इस्तेमाल करके पारा (Mercury) को सोने में बदला जा सकता है।
Marathon Fusion का दावा
सैन फ्रांसिस्को स्थित स्टार्टअप Marathon Fusion ने कहा है कि न्यूट्रॉन कणों की रेडियोधर्मी प्रक्रिया के माध्यम से पारा को Mercury-197 में बदला जा सकता है, जो बाद में Gold-197 में परिवर्तित होकर स्थिर सोने का रूप ले लेता है।
Marathon ने लिखा, "198Hg को सोने में बदलने वाली फ्यूजन तकनीक फ्यूजन ऊर्जा को केवल पावर तकनीक से बहु-उत्पाद इंडस्ट्रियल प्लेटफॉर्म में बदल देती है, जिससे इसका आर्थिक और सामाजिक मूल्य बढ़ जाता है।"
CTO एडम रुतकोव्स्की ने कहा कि इस तरह बनाया गया सोना 14 से 18 साल तक संग्रहित करने के बाद ही पूरी तरह सुरक्षित माना जा सकता है।
अन्य कीमती धातुओं पर भी प्रभाव
रिपोर्ट के अनुसार, यह प्रक्रिया अन्य कीमती धातुएं बनाने में भी इस्तेमाल की जा सकती है। Marathon Fusion का मानना है कि सोने के बाजार के आकार को देखते हुए इसका उत्पादन मूल्य पर नकारात्मक असर नहीं डालेगा।
वास्तविक चुनौती
पूर्व CTO डैन ब्रनर, जो Marathon Fusion के सलाहकार हैं, कहते हैं कि वैज्ञानिक सिद्धांत तो सही हैं, लेकिन इसे व्यावहारिक प्रणाली में बदलने में इंजीनियरिंग चुनौतियाँ हैं।
वर्तमान स्थिति
फ्यूजन रिएक्टर में पारा से सोना बनाना सिद्धांततः संभव है, लेकिन अभी यह व्यावसायिक रूप से साबित नहीं हुआ है। Marathon Fusion ने इसे कंप्यूटर-सिमुलेटेड ‘डिजिटल ट्विन’ मॉडल के जरिए परीक्षण किया है। इस प्रक्रिया से उत्पन्न सोना प्रारंभ में रेडियोधर्मी होगा, जिसे लंबे समय तक सुरक्षित रूप से संग्रहित करना आवश्यक होगा।
हीरों से तुलना
ठीक उसी तरह जैसे लैब-में बने हीरे (Lab-grown Diamonds) आभूषण उद्योग में बदलाव ला रहे हैं, सोना बनाने की यह तकनीक भी भविष्य में उद्योग में क्रांति ला सकती है। पिछले दशक में लैब-हीरों की कीमतों में तकनीकी प्रगति और उत्पादन बढ़ने से भारी गिरावट आई है। Forbes के अनुसार, 2014 में लैब-हीरे केवल 1% बिक्री में शामिल थे, जो 2024 तक लगभग 20% तक पहुंच गए।