Edited By jyoti choudhary,Updated: 25 Dec, 2025 05:35 PM

भारत में सोने का भाव इस समय 1.38 लाख रुपए के आसपास और चांदी की कीमत ₹2.23 लाख के पार पहुंच गई है। अगर आप सोने-चांदी की कीमतों में यह हैरानीजनक तेजी देख चौंक गए हैं तो अब आपको यह खबर पढ़ थोड़ी राहत मिल सकती है। इस रिकॉर्ड तेजी के बीच एक्सपर्ट्स...
बिजनेस डेस्कः भारत में सोने का भाव इस समय 1.38 लाख रुपए के आसपास और चांदी की कीमत ₹2.23 लाख के पार पहुंच गई है। आम आदमी के लिए ये दाम किसी सपने जैसे लगते हैं। अगर आप सोने-चांदी की कीमतों में यह हैरानीजनक तेजी देख चौंक गए हैं तो अब आपको यह खबर पढ़ थोड़ी राहत मिल सकती है। इस रिकॉर्ड तेजी के बीच एक्सपर्ट्स निवेशकों को एक बड़े खतरे की चेतावनी भी दे रहे हैं। उनका कहना है कि अगर करेक्शन आया तो सोने में ₹10,000–₹15,000 तक और चांदी में 10–20 फीसदी तक की गिरावट देखी जा सकती है।
रिकॉर्ड पर रिकॉर्ड लेकिन खतरा बरकरार
अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोना 4,500 डॉलर प्रति औंस के करीब पहुंच चुका है, जबकि भारत में इसकी कीमत ₹1.38 लाख प्रति 10 ग्राम के ऑल टाइम हाई पर है। चांदी ने तो और भी ज्यादा चौंकाया है—वैश्विक बाजार में 70 डॉलर के पार और घरेलू बाजार में ₹2.23 लाख प्रति किलो का स्तर पार कर चुकी है। यह तेजी निवेशकों के लिए भले ही शानदार दिख रही हो लेकिन आम लोगों के लिए इसका मतलब है महंगी ज्वेलरी और बढ़ता घरेलू बजट।
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एक्सपर्ट की चेतावनी: थिन मार्केट में बनी खतरनाक तेजी
कमोडिटी मार्केट एक्सपर्ट पृथ्वीराज कोठारी के मुताबिक, फिलहाल बाजार बेहद “थिन” है। छुट्टियों की वजह से बड़े खिलाड़ी कम सक्रिय हैं और ट्रेडिंग वॉल्यूम भी सीमित है। ऐसे माहौल में कीमतों को ऊपर धकेलना आसान हो जाता है। उन्होंने बताया कि सिर्फ 9 वर्किंग डेज़ में चांदी करीब 30 फीसदी चढ़ चुकी है। जब इतनी तेज तेजी संभव है, तो 10–12 फीसदी या उससे ज्यादा की गिरावट भी एक ही दिन में आ सकती है।
फिजिकल डिमांड कमजोर, निवेशक चला रहे रैली
इतने ऊंचे दामों पर भी सवाल यही है कि खरीद कौन रहा है। एक्सपर्ट्स के अनुसार, ज्वेलरी की फिजिकल डिमांड कमजोर है। भारत और दुबई जैसे बाजारों में सोना-चांदी डिस्काउंट पर बिक रहे हैं। असल मांग ETF, निवेश और लॉन्ग टर्म होल्डिंग से आ रही है। FD के करीब 7 फीसदी रिटर्न की तुलना में सोना-चांदी के शानदार रिटर्न देखकर निवेशक तेजी से पैसा शिफ्ट कर रहे हैं। यही भीड़ आगे चलकर बड़ा जोखिम भी बन सकती है।
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आम आदमी और ज्वेलरी इंडस्ट्री पर असर
ऊंचे दामों का सीधा असर शादी-ब्याह और ज्वेलरी खरीद पर पड़ा है। ज्वेलर्स की बिक्री धीमी है, स्टॉक महंगा हो गया है और वर्किंग कैपिटल पर दबाव बढ़ा है। ग्राहक अब हल्की वजन की ज्वेलरी, 18 कैरेट या 14 कैरेट जैसे विकल्पों की ओर जा रहे हैं। चांदी के ऊंचे दामों ने आम आदमी की पहुंच लगभग खत्म कर दी है।
करेक्शन आया तो कितनी गिरावट संभव?
एक्सपर्ट्स का मानना है कि अगर करेक्शन आया तो सोने में ₹10,000–₹15,000 तक और चांदी में 10–20 फीसदी तक की गिरावट देखी जा सकती है। हालांकि लंबी अवधि में सोना-चांदी की चमक बनी रह सकती है लेकिन बीच-बीच में ऐसे तेज झटके आना तय माना जा रहा है।