Edited By jyoti choudhary,Updated: 19 Apr, 2025 10:32 AM

सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में दावा किया जा रहा था कि ₹2000 से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर अब जीएसटी लगेगा। इस दावे को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति थी लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट बयान जारी कर कहा है कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है।
बिजनेस डेस्कः सोशल मीडिया पर चल रही खबरों में दावा किया जा रहा था कि ₹2000 से अधिक के यूपीआई लेनदेन पर अब जीएसटी लगेगा। इस दावे को लेकर लोगों में भ्रम की स्थिति थी लेकिन अब वित्त मंत्रालय ने स्पष्ट बयान जारी कर कहा है कि यह खबर पूरी तरह से झूठी और भ्रामक है।
मंत्रालय ने साफ किया है कि सरकार ऐसा कोई प्रस्ताव विचाराधीन नहीं रख रही है और ना ही दो हजार रुपए से अधिक के यूपीआई ट्रांजैक्शन पर कोई जीएसटी लगाने की योजना है।
सरकार डिजिटल भुगतान को दे रही बढ़ावा
सरकार ने जानकारी दी कि डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा देने के लिए जनवरी 2020 से MDR (Merchant Discount Rate) को समाप्त कर दिया गया है, जिससे डिजिटल लेनदेन पर कोई अतिरिक्त शुल्क नहीं लगाया जाता।
UPI के माध्यम से छोटे व्यापारियों और दुकानदारों को सरल, सुलभ और नि:शुल्क पेमेंट सुविधा देने के लिए सरकार ने 2021 से P2M (Person-to-Merchant) ट्रांजैक्शन पर प्रोत्साहन योजना शुरू की है।
इस योजना के तहत प्रोत्साहन राशि
वर्ष प्रोत्साहन राशि (₹ करोड़ में)
- 2021-22 1389
- 2022-23 2210
- 2023-24 3631
इस योजना का उद्देश्य सर्विस प्रोवाइडर्स को रिवॉर्ड देकर ट्रांजैक्शन लागत की भरपाई करना और जनता को UPI उपयोग के लिए प्रेरित करना है।
भारत बना दुनिया का डिजिटल भुगतान लीडर
ACI Worldwide की रिपोर्ट के अनुसार, 2023 में वैश्विक डिजिटल भुगतान का 49% हिस्सा भारत में हुआ। 2029-20 में यूपी ट्रांजेक्शन 21.3 लाख करोड़ का था, जो पिछले पांच वर्षों के दौरान पांच गुणा बढ़ गया। मार्च 2025 में ये बढ़कर 260 करोड़ रुपए का हो चुका है। सिर्फ मर्चेंट्स को ही 59.3 लाख करोड़ का पेमेंट किया गया, जो उपभोक्ताओं के डिजिटल पेमेंट में बढ़ते विश्वास को दिखाता है।