बजट में आवास ऋण के ब्याज पर कटौती की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपए की जाए: क्रेडाई

Edited By jyoti choudhary,Updated: 20 Dec, 2022 01:15 PM

increase the limit of deduction on interest on housing loan in the budget

रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई ने आवास ऋण के ब्याज पर कटौती (डिडक्शन) की सीमा को मौजूदा के दो लाख रुपये से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग की है। क्रेडाई ने अपनी बजट मांगों में कहा है कि मई से आवास ऋण पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है

नई दिल्लीः रियल एस्टेट क्षेत्र के निकाय क्रेडाई ने आवास ऋण के ब्याज पर कटौती (डिडक्शन) की सीमा को मौजूदा के दो लाख रुपए से बढ़ाकर पांच लाख रुपये करने की मांग की है। क्रेडाई ने अपनी बजट मांगों में कहा है कि मई से आवास ऋण पर ब्याज दरों में बढ़ोतरी हुई है जिसके मद्देनजर कटौती की सीमा बढ़ाने की जरूरत है। मई से रेपो दरों में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि हुई है जिसकी वजह से आवास ऋण पर ब्याज दरें बीते सात महीने में करीब दो प्रतिशत बढ़कर 8.5 प्रतिशत हो गई हैं। 

क्रेडाई ने कहा कि आवास ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) में ब्याज दरों की वजह से वृद्धि हुई है। निकाय ने कहा कि आवास ऋण पर अदा किए जाने वाले ब्याज पर छूट की सीमा को मौजूदा दो लाख रुपए से बढ़ाकर कम से कम पांच लाख करने की जरूरत है।'' रियल एस्टेट निकाय ने कहा कि इससे मध्यम आय वर्ग के घर मालिकों के पास खर्च करने योग्य अतिरिक्त आय होगी तथा अन्य लोग भी घर खरीदने के लिए प्रेरित होंगे। 

क्रेडाई के अध्यक्ष हर्षवर्द्धन पटोदिया ने कहा, ‘‘हमने यह सिफारिश इस बात को ध्यान में रखकर की है कि क्षेत्र में बनी वृद्धि कायम रहे, मांग में बढ़ोतरी हो तथा घर खरीदारों को छूट मिले।'' उन्होंने कहा कि प्रमुख ब्याज दरों में लगातार बढ़ोतरी करने का निकट भविष्य में आवास मांग पर असर पड़ सकता है। उन्होंने कहा, ‘‘क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण संपत्ति बाजारों में धीरे-धीरे पुनरुद्धार शुरू हुआ है, इसके पीछे अंतिम उपभोक्ताओं से आने वाली मांग है। हालांकि, दरों में बार-बार वृद्धि करने से ब्याज दर से जुड़े क्षेत्र पर असर पड़ सकता है।''
 

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