Edited By jyoti choudhary,Updated: 09 Jun, 2021 06:45 PM
आयकर विभाग के नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रही समस्या पर इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलकेणि का भी बयान आ गया है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देते हुए कहा कि उनकी कंपनी को इन शुरुआती गड़बड़ियों को लेकर पछतावा है। साथ ही भरोसा...
बिजनेस डेस्कः आयकर विभाग के नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल में आ रही समस्या पर इंफोसिस के को-फाउंडर नंदन नीलकेणि का भी बयान आ गया है। उन्होंने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को जवाब देते हुए कहा कि उनकी कंपनी को इन शुरुआती गड़बड़ियों को लेकर पछतावा है। साथ ही भरोसा भी दिलाया कि सिस्टम कुछ दिनों में सामान्य हो जाएगा।
नंदन नीलकेणि ने दिया FM का जवाब
नंदन नीलकेणि ने कहा कि नए ई-फाइलिंग पोर्टल फाइलिंग प्रोसेस को आसान करेगा और यूजर्स के एक्सपीरियंस को बढ़ाएगा। निर्मला सीतारमण जी, हमने पहले दिन कुछ तकनीकी गड़बड़ियों को देखा है और उन्हें ठीक करने के लिए काम कर रहे हैं। इंफोसिस को इन शुरुआती गड़बड़ियों पर पछतावा है। उम्मीद है कि सिस्टम सप्ताह के अंदर सामान्य हो जाएगा।
बता दें कि मंगलवार को आयकर विभाग के नए इनकम टैक्स ई-फाइलिंग पोर्टल की खामियों को लेकर केन्द्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ट्वीट में इन्फोसिस और नंदन नीलेकणि को टैग करते हुए खामियां दुरुस्त करने को कहा था।
आयकर विभाग ने नया पोर्टल सोमवार रात को लॉन्च किया था। इन्फोसिस को 2019 में नेक्स्ट जनरेशन आयकर फाइलिंग प्रणाली तैयार करने का कॉन्ट्रैक्ट दिया गया था। इसका मकसद रिटर्न की प्रोसेसिंग की प्रक्रिया में लगने वाले 63 दिन के समय को कम कर एक दिन करने और ‘रिफंड’ प्रकिया को तेज करना है। कहा गया है कि पोर्टल को पहले से बेहतर बनाया गया है लेकिन लॉन्च होने के बाद से ही इसमें गड़बड़ियों को लेकर ढेर सारी शिकायतें आने लगीं। ट्विटर पर यूजर्स इसकी खामियों को लेकर लगातार शिकायत कर रहे हैं। इन शिकायतों को संज्ञान में लेते हुए वित्त मंत्री ने ट्वीट किया था।
क्या लिखा था वित्त मंत्री ने
वित्त मंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा है कि आयकर विभाग का ई-फाइलिंग पोर्टल 2.0, जिसका लंबे वक्त से इंतजार था, सोमवार रात 10.45 पर लॉन्च हो गया। लेकिन मैंने अपने टाइमलाइन पर तकनीकी खामियों के बारे में शिकायतें देखी हैं। उन्होंने ट्वीट में ही इन्फोसिस और उसके को-फाउंडर नंदन नीलेकणि को टैग करते हुए लिखा कि आशा है कि इन्फोसिस और नंदन नीलेकणि, प्रदान की जा रही सेवा की गुणवत्ता के मामले में हमारे करदाताओं को निराश नहीं करेंगे। करदाताओं के लिए अनुपालन में आसानी हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए।