Edited By jyoti choudhary,Updated: 14 Jun, 2025 03:04 PM

इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब भारत के बासमती चावल व्यापार पर भी नजर आने लगा है। मध्य पूर्व में हालात बिगड़ने से पंजाब के बासमती चावल निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल भारत से ईरान, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में बासमती चावल का बड़े...
बिजनेस डेस्कः इजरायल और ईरान के बीच बढ़ते तनाव का असर अब भारत के बासमती चावल व्यापार पर भी नजर आने लगा है। मध्य पूर्व में हालात बिगड़ने से पंजाब के बासमती चावल निर्यातकों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल भारत से ईरान, सऊदी अरब और अन्य खाड़ी देशों में बासमती चावल का बड़े पैमाने पर निर्यात होता है। वर्तमान में कई जहाज बासमती चावल की खेप लेकर समुद्र में हैं, जिनकी डिलीवरी पर युद्ध की स्थिति में बड़ा संकट खड़ा हो सकता है।
बीच रास्ते फंस सकते हैं चावल से लदे जहाज
पंजाब बासमती एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अशोक सेठी ने बताया कि, “हमारे कई जहाज रास्ते में हैं। अगर यह युद्ध लंबा खिंचता है, तो न केवल खेप रुक सकती है, बल्कि जहाजों को लौटना भी पड़ सकता है। इससे करोड़ों रुपए का नुकसान होगा।”
बीमा कंपनियां भी दे रही हैं हाथ पीछे
तनाव के माहौल का असर बीमा सेवाओं पर भी दिख रहा है। एक्सपोर्टेड माल के बीमा को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। बीमा कंपनियां कवरेज देने से इनकार कर रही हैं, जिससे निर्यातकों को दोहरी मार झेलनी पड़ रही है।
बासमती चावल के निर्यात पर पहले से दबाव
ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंधों के चलते भारत से उसे बासमती चावल का निर्यात पहले ही प्रभावित हो रहा था। ईरान अब भारत को भुगतान में कठिनाई महसूस कर रहा है क्योंकि भारत ने तेल आयात बंद कर दिया है और रियाल की गिरती कीमतों के चलते आयात और महंगा हो गया है।
बासमती चावल के निर्यात में गिरावट दर्ज
वाणिज्य मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2022 में भारत ने 3.54 अरब डॉलर मूल्य का बासमती चावल निर्यात किया, जिसमें ईरान की हिस्सेदारी लगभग 23% थी लेकिन 2025 में यह घटकर 12% रह गई है। एपीडा के मुताबिक, भारत की कुल बासमती निर्यात कमाई ₹48,000 करोड़ रही, जिसमें पंजाब का योगदान करीब 40% था।