अब भारतीय ग्राहकों ने भी दिया ड्रैगन को झटका, चाइनीज TV और स्मार्टफोन की घटी डिमांड

Edited By Updated: 22 Sep, 2023 03:22 PM

now indian customers also gave a blow to dragon demand for

आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रहे चीन को भारतीय ग्राहकों ने भी तगड़ा झटका दिया है। भारत के टेलीविजन सेगमेंट में चीनी ब्रांड्स का मार्केट शेयर पहली बार घट रहा है। स्मार्टफोन के बाजार में भी यही हाल है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि...

बिजनेस डेस्कः आर्थिक मोर्चे पर कई चुनौतियों का सामना कर रहे चीन को भारतीय ग्राहकों ने भी तगड़ा झटका दिया है। भारत के टेलीविजन सेगमेंट में चीनी ब्रांड्स का मार्केट शेयर पहली बार घट रहा है। स्मार्टफोन के बाजार में भी यही हाल है। इंडस्ट्री के जानकारों का कहना है कि जल्दी ही चीन के ब्रांड्स को भारत से अपना बोरिया बिस्तर समेटना पड़ सकता है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में भारत के टेलीविजन सेगमेंट में चाइनीज ब्रांड्स की हिस्सेदारी गिरकर 33.6 फीसदी रह गई है जो एक साल पहले 35.7 फीसदी थी। जुलाई और अगस्त में इसमें और गिरावट आने की संभावना है। माना जा रहा है कि 30 फीसदी तक गिर सकती है।

जानकारों के मुताबिक एलजी और सैमसंग जैसे बड़े ब्रांड्स भारत में अपनी रणनीति को बदल रहे हैं। दक्षिण कोरिया की ये कंपनियां एंट्री लेवल पर कीमतों में कमी कर रही हैं जबकि चीन की कंपनियां कम कीमत वाली कैटेगरी से अपना फोकस हटा रही हैं। इंडस्ट्री के तीन सूत्रों ने कहा कि वनप्लस और रियलमी जैसे चाइनीज ब्रांड्स जल्दी ही भारत के टेलीविजन बिजनेस के बाहर हो सकते हैं या अपना कारोबार सीमित कर सकते हैं। इस बारे में वनप्लस और रियलमी का कोई जवाब नहीं आया।

क्यों घर रही हिस्सेदारी

मार्केट रिसर्चर काउंटरपॉइंट टेक्नोलॉजी के हालिया डेटा के मुताबिक अप्रैल-जून तिमाही में टीवी शिपमेंट्स में चीनी ब्रांड्स की हिस्सेदारी 33.6 फीसदी रह गई है जो पिछले साल इस दौरान 35.7 फीसदी थी। जुलाई और अगस्त में इसमें और गिरावट आई है। काउंटरपॉइंट की सीनियर एनालिस्ट अंशिका जैन ने कहा कि लोग अब सैमसंग, एलजी और सोनी के मिड-सेगमेंट और प्रीमियम मॉडल्स को पसंद कर रहे हैं। साथ ही ग्राहकों की सैनसुई और एसर जैसे ब्रांड्स में भी दिलचस्पी बढ़ रही है।

इलेक्ट्रॉनिक रिटेल चेन ग्रेट ईस्टर्न रिटेल के डायरेक्टर Pulkit Baid ने कहा कि टेलीविजन मार्केट में कंसोलिडेशन और करेक्शन का दौर चल रहा है। लॉयड जैसे ब्रांड्स आक्रामक नीति अपना रहे हैं और चीनी ब्रांड्स अपने नुकसान की भरपाई कर रहे हैं। स्मार्टफोन बाजार में भी चीनी ब्रांड्स पिछली चार तिमाहियों से मार्केट शेयर खो रहे हैं। वे एंट्री लेवल सेगमेंट से निकल रहे हैं। हाल तक 7,000 से 8,000 रुपए से नीचे की कैटगरी में चीन की कंपनियों का दबदबा था। अब वे अपना मार्जिन बढ़ाने के लिए सैमसंग, ऐपल और दूसरी कंपनियों के साथ मिड से प्रीमियम सेगमेंट पर फोकस कर रही हैं।
 

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