Gold Loan Alert: बना रहे हैं Gold Loan लेने का प्लान, तो पहले पढ़ें ये खबर, लग सकता है झटका

Edited By Updated: 22 Dec, 2025 05:29 PM

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अगर आप सोने के गहनों पर लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करने की सोच रहे हैं, तो अब झटका लग सकता है। RBI की चेतावनी के बाद बैंकों और NBFCs ने गोल्ड लोन के नियम सख्त कर दिए हैं। इसका सीधा असर लोन अमाउंट पर पड़ेगा, क्योंकि अब पहले के मुकाबले कम रकम मिलेगी।

बिजनेस डेस्कः अगर आप सोने के गहनों पर लोन लेकर अपनी जरूरतें पूरी करने की सोच रहे हैं, तो अब झटका लग सकता है। RBI की चेतावनी के बाद बैंकों और NBFCs ने गोल्ड लोन के नियम सख्त कर दिए हैं। इसका सीधा असर लोन अमाउंट पर पड़ेगा, क्योंकि अब पहले के मुकाबले कम रकम मिलेगी।

क्यों बदला बैंकों का रुख?

गोल्ड लोन के नियमों में सख्ती की सबसे बड़ी वजह सोने की कीमतों में तेज उतार-चढ़ाव है। RBI ने लेंडर्स को आगाह किया है कि बुलियन मार्केट की मौजूदा अस्थिरता बैंकिंग सिस्टम के लिए जोखिम पैदा कर सकती है। इसी के चलते, जो बैंक पहले सोने की वैल्यू का 70 से 72 प्रतिशत तक लोन (Loan-to-Value यानी LTV) दे रहे थे, उन्होंने अब यह सीमा घटाकर 60 से 65 प्रतिशत कर दी है।

सरल शब्दों में कहें तो, जहां पहले एक लाख रुपए के सोने पर 70 हजार रुपए से ज्यादा का लोन मिल जाता था, अब उसी सोने पर ग्राहकों को केवल 60–65 हजार रुपए तक ही मिल पाएंगे। बैंकों ने यह फैसला अपने जोखिम को सीमित करने के लिए लिया है।

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अगर सोने के दाम टूटे तो बढ़ेगा खतरा

बैंकों की चिंता सिर्फ मौजूदा ऊंची कीमतों को लेकर नहीं है, बल्कि संभावित गिरावट को लेकर भी है। फिलहाल MCX पर सोने का भाव करीब 1.31 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के आसपास बना हुआ है लेकिन अगर कीमतों में 10 से 15 प्रतिशत की गिरावट आती है, तो गिरवी रखे गए सोने की वैल्यू लोन की बकाया राशि से कम हो सकती है।

ऐसी स्थिति में उधारकर्ता लोन चुकाने से बच सकते हैं, जिससे डिफॉल्ट का खतरा बढ़ेगा। इससे बैंकों की एसेट क्वालिटी पर दबाव आ सकता है। इसी आशंका को देखते हुए लेंडर्स अब गोल्ड लोन देने में ज्यादा सतर्कता बरत रहे हैं।

युवा तेजी से ले रहे हैं गोल्ड लोन

RBI और बैंकों की चिंता का एक और बड़ा कारण उधारकर्ताओं की बदलती प्रोफाइल है। आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021 के बाद से 21 से 30 साल के युवाओं द्वारा लिए जाने वाले गोल्ड लोन की संख्या दोगुनी हो चुकी है। वहीं, 31 से 40 साल की उम्र के लोग कुल गोल्ड लोन का करीब 45 प्रतिशत हिस्सा लेते हैं।

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चिंता की बात यह है कि इस पैसे का इस्तेमाल बिजनेस या एसेट क्रिएशन के बजाय रोजमर्रा के खर्च और कंजम्पशन के लिए ज्यादा हो रहा है। मार्च 2025 के बाद गोल्ड लोन में सालाना आधार पर करीब 100 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। अक्टूबर 2025 में गोल्ड लोन का कुल आकार बढ़कर 3.37 लाख करोड़ रुपए के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।

तेज़ ग्रोथ के बाद अब बैंक और एनबीएफसी आक्रामक विस्तार की बजाय स्थिरता पर जोर दे रहे हैं, ताकि माइक्रोफाइनेंस और पर्सनल लोन सेक्टर जैसी समस्याओं की दोबारा पुनरावृत्ति न हो।

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